प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे उत्तर प्रदेश के हर जिले की खूबी जानेंगे। आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को प्रदेश के सभी 75 जिलों की सांस्कृतिक, सामाजिक, शैक्षिक, साहित्यिक तथा अन्य क्षेत्रों के विभिन्न आयामों से परिचित कराने के उद्देश्य से विशिष्ट जानकारी पर आधारित पुस्तक तैयार की जा रही है। खास बात है कि जिले की विशेषता इस प्रकार की होनी चाहिए कि जिसके कारण वह जाना जाता हो।
एससीईआरटी ने राज्य शिक्षा संस्थान को दिए निर्देश
पहली बार बनाई जा रही बच्चों के लिए अनूठी किताब
सांस्कृतिक, सामाजिक, शैक्षिक आदि आयामों को जानेंगे विद्यार्थी
विशेषता ऐसी भी हो सकती है जिसके बारे में केवल उस जिले के लोग जानते हों। किताब में विषयवस्तु से संबंधित चित्र भी दिए जाएंगे। राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर ने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) लखनऊ के संयुक्त सचिव डॉ. पवन कुमार ने 16 जनवरी को भेजे पत्र में पुस्तक तैयार कर 10 फरवरी तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह किताब किस कक्षा में पढ़ाई जाएगी और कब से लागू होगी। लेकिन जिस तेजी से किताब लिखी जा रही है, ऐसे में माना जा रहा है कि अगले सत्र तक बच्चों के हाथ में किताब आ जाएगी।
क्या होगी खूबियां
● अति विशिष्ट खिलाड़ी, साहित्यकार, शिक्षाशास्त्रत्त्ी, लोक कलाकार आदि।
● पौराणिक, ऐतिहासिक या वास्तुशास्त्रत्त् की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल या भवन आदि।
● अति विशिष्ट सामग्री (ओडीओपी के अंतर्गत चिह्नित उत्पाद को छोड़कर)।
● अति विशिष्ट शैक्षिक और प्रशिक्षण संस्थान, इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान, वैज्ञज्ञनिक एवं शोध संस्थान विश्वविद्यालय आदि।
● अति विशिष्ट खान-पान।
● अति विशिष्ट लोक कला, संगीत, लोकनृत्य आदि।
● अति विशिष्ट परिधान, पर्व, मेले आदि।
● अति विशिष्ट उद्योग, कुटीर उद्योग, कृषि उत्पाद आदि
पीसीएस तक की भर्ती में होगा लाभ
प्रयागराज। संस्थान की सहायक उप शिक्षा निदेशक डॉ. दीप्ति मिश्रा ने बताया कि पुस्तक निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। प्रत्येक जिले की खूबी पढ़ने से बच्चों को अपने परिवेश के साथ ही संपूर्ण प्रदेश की विशिष्टताएं जानने का लाभ होगा। प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पीसीएस के पाठ्यक्रम में भी पिछले साल बदलाव करते हुए मुख्य परीक्षा में यूपी विशेष जोड़ दिया है। बचपन से जिलों की खूबियां पढ़ने पर बच्चों को सूबे की सबसे प्रतिष्ठित भर्ती परीक्षा में भी लाभ मिलेगा।