हरदोई। निपुण भारत मिशन के तहत जिले के 388 विद्यालयों को निपुण घोषित कर दिया गया, मगर उनके निपुण घोषित होते ही नए आदेश से पेच फंस गया है। पहले 75 प्रतिशत के मानक को अब 80 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे अब सभी विद्यालयों की फिर से समीक्षा की जा रही है।
निपुण भारत मिशन के तहत सभी परिषदीय विद्यालयों को निपुण बनाया जाना है। इसके लिए कक्षा एक से तीन तक के विद्यार्थियों को हिंदी और गणित विषय में निपुण बनाया जाना है। इसकी मॉनीटरिंग और सर्वे के लिए डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों को लगाया गया था।
डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों द्वारा विभागीय एप के माध्यम से 1400 परिषदीय विद्यालयों का सर्वे कराया गया। इसमें से 1160 का परिणाम घोषित किया गया। जिसमें विद्यालय में पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या के सापेक्ष 75 प्रतिशत बच्चों के निपुण होने पर विद्यालयों को निपुण घोषित कर दिया गया। इसके आधार पर वर्तमान में 1160 में से 388 विद्यालयों को निपुण विद्यालय के रूप में घोषित किया गया है। मगर अब परियोजना की ओर से नए निर्देश जारी कर दिए गए है, जिसमें पंजीकरण में से 80 प्रतिशत विद्यार्थियों के निपुण होने पर ही विद्यालय को निपुण मना जाएगा।
इससे निपुण विद्यालय की संख्या घटकर 1160 में 192 ही रह गई है। विभागीय अधिकारी अब दोनों सूची की समीक्षा कर रहे हैं।
जिला समन्वयक राकेश शुक्ला ने बताया कि निपुण के मानक के संबंध में कुछ समस्या आ रही है। इसलिए दोनों सूची का मिलान किया जा रहा है। उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार निपुण विद्यालय घोषित किए जाएंगे। अन्य विद्यालयों को भी विद्यार्थियों को निपुण बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जिनकी लगातार समीक्षा की जा रही है।