नई दिल्ली, । केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा है कि अंतरिम बजट में 25,000 रुपये तक की बकाया कर मांग को वापस लेने की घोषणा के तहत करदाताओं को एक लाख रुपये तक की राहत मिल सकती है। इससे उन करदाताओं को लाभ होगा, जिन्हें निर्धारित अवधि में एक साल से अधिक के लिए कर मांग को लेकर नोटिस मिले हैं। इस कदम से लगभग 80 लाख करदाताओं को लाभ होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के लिए अपने अंतरिम बजट भाषण में वित्त वर्ष 2009-10 तक 25,000 रुपये और वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक 10,000 रुपये तक की बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों को वापस लेने की घोषणा की। यानी इस अवधि के लंबित मामलों में आयकर देनदारी माफ कर दी जाएगी।
नितिन गुप्ता ने यह भी बताया कि आयकर विभाग में 10,000 से 12,000 तक कर्मचारियों की कमी है और खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।