लखनऊ। प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी को हटाकर राजस्व परिषद भेज दिया है। आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ियां परीक्षा नियंत्रक अजय सामने आने पर उन्हें कुमार तिवारी राजस्व हटाया गया है। 11 फरवरी को
परिषद भेजे गए आयोजित इस परीक्षा में कुछ प्रश्नों के सोशल मीडिया पर वायरल होने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसके संबंध में शासन ने आम लोगों से साक्ष्य मांगे थे, जिसमें गड़बड़ी मिली। परीक्षा की शुचिता के लिए मुख्यमंत्री ने दोनों सत्रों में आयोजित परीक्षाओं को रद्द करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई।
शासन ने अभी यूपीपीएससी में किसी नए परीक्षा नियंत्रक की तैनाती नहीं की है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, एक-दो दिन में यह तैनाती कर दी जाएगी। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि गड़बड़ी किस स्तर से हुई। जो जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
प्रयागराज। यूपीपीएससी की कोई भी परीक्षा हो, यह बात केवल परीक्षा नियंत्रक को मालूम होती है कि प्रश्न पत्र देश की किस प्रिंटिंग प्रेस में छप रहा है। आयोग के अध्यक्ष को भी यह जानकारी नहीं होती है कि पेपर छपने के लिए किस प्रिंटिंग प्रेस में भेजा गया है। प्रश्नपत्रों के कई सेट तैयार किए जाते हैं और अलग- अलग बंद लिफाफों में परीक्षा नियंत्रक के पास भेज दिए जाते हैं। परीक्षा नियंत्रक उनमें से किसी एक सेट को छपने के लिए प्रिंटिंग प्रेस को भेजता है। हालांकि, परीक्षा नियंत्रक को भी यह जानकारी नहीं होती है कि बंद लिफाफे में कौन सा सेट है। इतनी गोपनीयता के बावजूद पेपर लीक होने और परीक्षा नियंत्रक को अचानक हटा दिए जाने से परीक्षा केंद्रों के साथ अब आयोग और प्रिंटिंग प्रेस की भूमिका भी अब संदेह के घेरे में है। व्यूरो
पांच साल में तीसरे परीक्षा नियंत्रक पर गिरी गाज