इटावा। आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं में लर्निंग कॉर्नर (सीखने का कोना) बनाया जाएगा। इसकी मदद से कक्षा में छात्रों को रोचक तरीके से पढ़ाया जाएगा। कक्षा में चार लर्निंग कॉर्नर बनाए जाएंगे। इसमें रीडिंग कॉर्नर, आर्ट कॉर्नर, ब्लॉक कॉर्नर और परफार्मेंस कॉर्नर बनाए जाएंगे।
जिले के चयनित 822 केंद्रों के लिए प्रति केंद्र 81 सौ से अधिक की दर से धनराशि उपलब्ध करा दी गई है। जिले के विभिन्न विकासखंडों में 1564 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इसमें 1299 को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र परिषदीय विद्यालयों के परिसर में संचालित हैं। सभी ब्लॉकों में चयनित कुल 822 को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में लर्निंग कॉर्नर बनाया जाएगा।
इसके लिए प्रति विद्यालय 8110 रुपये की दर से 66 लाख 66 हजार 420 रुपये की धनराशि जिले को उपलब्ध कराई गई है। को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में लर्निंग कॉर्नर तैयार करने के लिए स्कूलों में पांच सदस्यों वाली एक समिति का गठन भी किया जाएगा। जिसमें अध्यक्ष विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष, विद्यालय के प्रधानाध्यापक-इंचार्ज अध्यापक सदस्य सचिव, संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सदस्य, संबंधित क्षेत्र की सुपरवाइजर सदस्य और नोडल अध्यापक प्री-प्राइमरी भी इसके सदस्य होंगे।
इसके लिए प्रति केंद्र 8110 रुपये का बजट आवंटित किया गया है जो विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में जाएगा। लर्निंग कॉर्नर तैयार करने के लिए शिक्षण सामग्री खरीदी जाएगी। बच्चों की रुचि बनाए रखने के लिए समय-समय पर लर्निंग कॉर्नर की सामग्री को बदला जाएगा। इससे छात्रों को खेलने और सीखने की सुविधा मिलेगी। जिला संमन्वयक प्रशिक्षण ज्ञानेंद्र सिंह हेमंत ने बताया कि विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में निर्धारित धनराशि भेजी जा रही है। 822 के लिए बजट जारी हुआ है।