प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस- 2023 का सबसे कम समय में परिणाम देने का रिकॉर्ड तो बनाया ही, चयनितों में यूपी की हिस्सेदारी ने भी इतिहास रच दिया है। इस बार 93 फीसदी चयनित अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश के ही हैं। चयन के मामले में नंबर एक पर लखनऊ (19) है, जबकि 18 अभ्यर्थियों के साथ प्रयागराज दूसरे और नौ के आंकड़े के साथ प्रतापगढ़ तीसरे पायदान पर रहा है। आयोग ने 23 जनवरी 2024 को
अंतिम चयन परिणाम जारी किया था। इसके आंकड़े पहली बार सामने आए हैं। यह भी पहली बार है कि यूपी के अभ्यर्थी सर्वाधिक चयनित हुए हैं। इससे पूर्व पीसीएस-2018 में तो आधे से अधिक चयनित यूपी से बाहर के राज्यों के थे। इससे पहले और बाद में भी दूसरे राज्यों का ही दवदवा देखने को मिलता रहा है। ऐसे में पीसीएस-2023 का परिणाम यूपी वालों के लिए खुशखबरी साबित हुआ है। इसमें कुल 251 चयनितों में से
गैरयूपी वाले सिर्फ 17 ही हैं।
यूपी के बाहर पांच राज्यों से अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। इनमें मध्य प्रदेश से छह, हरियाणा से पांच, दिल्ली, विहार और उत्तराखंड से दो-दो अभ्यर्थी शामिल हैं। इनमें भी मध्य प्रदेश के रीवा, उज्जैन, सिंगरौली एवं जबलपुर से एक-एक एवं ग्वालियर से दो, हरियाणा के कैथल एवं सोनीपत से दो-दो एवं करनाल से एक, दक्षिणी पूर्वी दिल्ली से दो, उत्तराखंड के नैनीताल एवं अल्मोड़ा से एक-एक और बिहार के भोजपुर एवं बक्सर से एक एक अभ्यर्थी का चयन हुआ है।
बाकी चयनित 234 अभ्यर्थी यूपी के 65 जिलों से हैं। चयन के मामले में तीसरे पायदान पर प्रतापगढ़ (नौ अभ्यर्थी) है। वहीं, अलीगढ़, अंबेडकर नगर, अयोध्या एवं कानपुर नगर से सात-सात, गाजीपुर एवं रायबरेली से छह-छह और आगरा, आजमगढ़, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज एवं सुल्तानपुर से पांच-पांच अभ्यर्थी चयनित हुए हैं।
इसके साथ अमरोहा, देवरिया, इटावा, हरदोई, मेरठ, संत रविदासनगर एवं सीतापुर से चार-चार, बागपत, बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, जालौन, संत कबीरनगर एवं उन्नाव से तीन-तीन और बहराइच, बलिया, वस्ती, बिजनौर, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर,
गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, कुशीनगर, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, रामपुर, सहारनपुर, सोनीपत एवं वाराणसी से दो- दो अभ्यर्थियों का चयन हुआ है।
अमेठी, औरैया, बदायूं, बलरामपुर, बाराबंकी, चंदौली, कन्नौज, कांशीराम नगर, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, शामली एवं सिद्धार्थ नगर से एक-एक अभ्यर्थी का चयन हुआ है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि पीसीएस परीक्षा में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में यूपी के अभ्यर्थी चुने गए हैं। पूर्व की परीक्षाओं में दूसरे राज्यों का दबदबा देखने को मिलता था।
यूपी के प्रशासनिक अधिकारियों के चयन की परीक्षा में यूपी वालों का दबदबा
बड़े बदलाव के कारण संभव हो सका है। अभ्यर्थी लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि अन्य राज्यों की तरह यूपी पीसीएस की मुख्य परीक्षा में भी प्रदेश विशेष सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र शामिल किए जाएं। आयोग की कमान संभालते ही अध्यक्ष संजय श्रीनेत की पहल पर यूपीपीएससी ने यह बदलाव किया। पीसीएस-2023 की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाते हुए उनकी जगह यूपी विशेष सामान्य अध्ययन के दो प्रश्नपत्र शामिल किए गए। इसी कारण यूपी के चयनित अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ी। जानकारों का मानना है कि आगे भी यह दबदबा कायम रहेगा।