बेसिक स्कूलों में बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति और अन्य कामों के लिए शिक्षकों को टैबलेट तो दिये गए लेकिन सिम और डाटा का अब तक पता नहीं है। शिक्षक, सिम और इंटरनेट कनेक्शन मांग रहे हैं। वहीं अधिकारी वेतन रोकने की चेतावनी दे रहे हैं। टैबलेट देने के तीन महीने बाद भी बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति और अन्य किसी काम में इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। टैबलेट स्कूल के कार्यालय में बंद रखे हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग ने नवम्बर में लखनऊ के सभी 1618 प्राथमिक स्कूलों में करीब ढ़ाई हजार टैबलेट दिये थे। इस टैबलेट से बच्चों की ऑन लाइन उपस्थिति, एमडीएम समेत अन्य सभी काम ऑन लाइन किये जाने थे। ताकि बच्चों की उपस्थिति और सभी योजनाओं की निगरानी मुख्यालय से की जा सके।
विभाग ने मार्च तक टैबलेट में इंटरनेट के प्रयोग के लिए कम्पोजिट ग्रांट से 1500 रुपये खर्च करने की व्यवस्था दी थी, लेकिन शिक्षकों ने इसका उपयोग नहीं किया। शिक्षक लगातार मांग कर रहे हैं विभाग उन्हें सीयूजी नम्बर का सिम कार्ड और डाटा मुहैया कराए। तभी वो टैबलेट का उपयोग करेंगे।
कम्पोजिट स्कूलों में बिना इंटरनेट नहीं होगा संचालन
शहर और ग्रामीण क्षेत्र के करीब 100 कम्पोजिट स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं हैं। यहां पर 10 से लेकर 20 कम्प्यूटर लगाए गए हैं। इन्हें चलाने के लिए इंटरनेट की जरूरत होगी। यह कम्प्यूटर सिम कार्ड से नहीं संचालित हो सकते हैं। शिक्षक लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि उनका संगठन प्रदेश के 822 ब्लॉकों के 90 फीसदी शिक्षकों ने हस्ताक्षर कर सिम कार्ड और डाटा मुहैया कराने का ज्ञापन जिम्मेदार अधिकारियों को दे चुका है। कम्पोजिट ग्रांट से सिर्फ मार्च तक व्यवस्था की है। अगले सत्र के लिए कोई स्पष्ट आदेश नहीं है।
क्या बोले बीएसए
इस बारे में बीएसए राम प्रवेश का कहना है कि विभाग ने टैबलेट चलाने के लिए कम्पोजिट ग्रांट से सिम और डाटा खरीदने के निर्देश दिये थे। शिक्षकों को इसका पालन कराने के निर्देश दिये गए हैं।