लखनऊ : बेसिक शिक्षकों को अंतरजनपदीय तबादलों के लिए अभी और इंतजार करना होगा। तबादलों की मांग को लेकर काफी संख्या में शिक्षक कोर्ट गए थे और उनको मार्च में तबादलों की उम्मीद थी लेकिन अभी परीक्षाएं होनी है और फिर लोकसभा चुनाव भी है। ऐसे में उनको तबादलों के लिए गर्मी की छुट्टी तक का इंतजार करना होगा।
बेसिक शिक्षकों के अंतःजनपदीय और अंतरजनपदीय तबादलों की प्रक्रिया जनवरी 2023 में शुरू हुई थी। तब से लगातार तकनीकी दिक्कतों और कानूनी दांव-पेच में प्रक्रिया उलझती गई। अंतःजनपदीय तबादले तो जून 2023 में पूरे हो गए, लेकिन अंतरजनपदीय म्युचुअल तबादले लटके रहे। बाद में विकल्प मांगे गए और म्युचुअल तबादलों के लिए शिक्षकों ने जोड़े भी बनाए। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के ही एक मुकदमे का हवाला देकर प्रक्रिया रोक दी। शिक्षकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के जिस मुकदमे का हवाला दिया गया है, उसका इन म्युचुअल तबलादलों से कोई वास्ता नहीं है। अधिकारी गुमराह कर रहे हैं।
कैसे फंस गया मामला?
तबादला प्रक्रिया बार-बार अटकने के बाद शिक्षकों ने कई
अधिकारियों से कई बार वार्ता की, लेकिन जब बात नही
बनी तो शिक्षकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाना शुरू
किया। हाई कोर्ट में पहले 13 शिक्षको ने याचिका दायर की। इसमें कोर्ट ने कहा है कि इनके तबादले सत्र के अंत में कर दिए जाएं। उसके बाद दो अलग-अलग समूहो में 53-53 शिक्षक और कोर्ट गए। अब और शिक्षक जाने की तैयारी कर रहे है। शिक्षको का कहना है कि कोर्ट ने सत्र के अंत में याचियों का तबादला करने को कहा है। माध्यमिक शिक्षक संघ बाराबंकी के अध्यक्ष और याचिकाकर्ता निर्भय सिंह कहते है कि सत्र मार्च में खत्म हो रहा है। ऐसे में कोर्ट के निर्देशानुसार याचियों का अभी तबादला कर देना चाहिए। वहीं अधिकारियों ने इस बारे में कोर्ट में यह हवाला दिया है कि मार्च में परीक्षाएं होनी है।
अभी परीक्षाएं चल रही है और लोकसभा चुनाव भी है। चुनाव के बाद पारदर्शी प्रक्रिया से ऑनलाइन तबादले किए जाएंगे।
-एमकेएस सुरदरम, प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा