प्रतापगढ़। माध्यमिक शिक्षा परिषद की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन से अधिकांश सरकारी और अनुदानित कॉलेजों के शिक्षकों ने दूरी बना ली है। मूल्यांकन कार्य वित्तविहीन कॉलेजों के शिक्षकों के भरोसे छोड़ दिया गया है। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से शिक्षक मनमाना कार्य कर रहे हैं।
जिले में 43 राजकीय, 78 अनुदानित और 650 वित्तविहीन कॉलेज संचालित हैं। विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का डाटा माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड है। अपलोड डाटा के आधार पर शिक्षकों को यूनिक आईडी परिषद की ओर से जारी की गई है। ऑनलाइन दर्ज शिक्षकों के डाटा के अनुसार माध्यमिक शिक्षा परिषद शिक्षकों की ड्यूटी मूल्यांकन कार्य के लिए लगाई है। मूल्यांकन कार्य से पहले कॉलेजों को परिषद की ओर सूची जारी कर दी गई है। सूची में मूल्यांकन ड्यूटी करने वाले शिक्षकों का नाम अंकित है।
परिषद ने शिक्षकों को अनिवार्य रूप से मूल्यांकन का आदेश दिया है। परिषद ने डीआईओएस को भी निर्देश जारी किया है कि मूल्यांकन कार्य न करने वाले शिक्षकों सूची कर उपलब्ध कराई जाए। डीआईओएस की ओर से उपलब्ध सूची के आधार पर मूल्यांकन कार्य न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद अधिकांश राजकीय, अनुदानित कॉलेजों के शिक्षक ड्यूटी करने को तैयार नहीं है मूल्यांकन कार्य की ड्यूटी महत्वपूर्ण और अनिवार्य है। बोर्ड की ओर से शिक्षकों की ड्यूटी मूल्यांकन के लिए लगाई गई। सभी मूल्यांकन केंद्रों से ड्यूटी न करने वाले परीक्षकों और डिप्टी हेड की सूची मंगाई गई। गैरहाजिर रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
– सरदार सिंह, डीआईओएस।