प्रयागराज। एक कॉपी को दो परीक्षक जांचते हैं। सुनकर अटपटा लग रहा होगा, लेकिन ऐसा ही होता है।
बोर्ड की हाईस्कूल की विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में दो शिक्षकों की आवश्यकता पड़ती है। एक कॉपी को जांचने वाले दोनों शिक्षकों को मूल्यांकन का पूरा भुगतान किया जाता है।
सामाजिक विज्ञान के पेपर में चार भाग होते हैं, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र और नागरिक शास्त्र। इनमें इतिहास और नागरिक शास्त्र के प्रश्नों को एक परीक्षक जांचता है और दूसरा भूगोल व अर्थशास्त्र के प्रश्नों को। यही प्रक्रिया विज्ञान की उत्तर पुस्तिकाओं में भी अपनाई जाती है।
इसमें भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान तीन खंड होते हैं। एक परीक्षक रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के प्रश्नों को और दूसरा भौतिक विज्ञान के प्रश्नों को जांचता है।
एक उत्तर पुस्तिका को जांचने के लिए जितना भुगतान किया जाता है, इन दो विषयों में उसका दोगुना भुगतान होता है। विज्ञान में तो बात समझ आती है, लेकिन सामाजिक विज्ञान में पढ़ाई के दौरान तो एक ही शिक्षक पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाता है। इसके बावजूद मूल्यांकन के लिए दो-दो शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है 6 एक उत्तर पुस्तिका को दो लोग जांचते है तो थोड़ी असुविधा भी होती है। मेरा मानना है कि सामाजिक विज्ञान में जब एक शिक्षक ही पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाता है, तो मूल्यांकन के लिए दो लोगों की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। इससे प्रबंधन पर भी असर पड़ता है और
भुगतान भी बढ़ता है। -प्रमोद श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य कुलभाष्कर इंटर कॉलेज
प्रदेश में अब तक जांची गईं 1.35 करोड़ कॉपियां
प्रदेश भर में हाईस्कूल और इंटर की अब तक 1.35 करोड़ कॉपियां जांची गई है। कुल 259 मूल्यांकन केंद्रों पर बुधवार को अब तक की सबसे ज्यादा 39,76,223 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हुआ। जिले के सभी नौ केंद्रों पर मूल्यांकन समान्य रूप से हुआ।