प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों के लिए अच्छी खबर है। जहां अब तक परीक्षा में मिलने वाले अंक ऑनलाइन किए गए थे, वहीं अब खेलों में मिले पुरस्कारों को भी विश्वविद्यालय ऑनलाइन करेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी छात्रों का ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (एपीएएआर) आईडी बनाने का निर्देश दिया है। इस आईडी पर छात्र का शैक्षणिक रिकार्ड, खेल गतिविधियां और पुरस्कारों का भी पूरा ब्योरा दर्ज होगा। छात्रों के प्रवेश के साथ ही परीक्षा फार्म में भी दोनों आईडी के कालम होंगे।
विदित हो कि नई शिक्षा नीति-2020 के तहत एक विद्यार्थी एक आईडी के तहत एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) आईडी विश्वविद्यालय ने बनवाई थी। अब एपीएएआर आईडी बनाने के लिए प्रयागराज, प्रतापगढ़, फतेहपुर और कौशांबी 697 कॉलेजों के निर्देश दिया है। विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में तकरीबन पांच लाख छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं।
इस बाबत परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनीता यादव ने कॉलेजों को आदेश जारी कर दिया है। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि एपीएएआर आईडी नंबर से विद्यार्थियों की शैक्षणिक गतिविधियां, एक्स्ट्रा करीकुलर गतिविधियों को ट्रैक करने में आसानी होगी।
छात्रवृत्ति की गड़बड़ी की आशंका होगी दूर
प्रो. सिंह ने बताया कि आईडी की मदद से विद्यार्थियों का डिजी लॉकर इकोसिस्टम तैयार होगा। इसमें छात्रों के पढ़ाई के रिकार्ड, खेल और अन्य योगदानों का ब्योरा दर्ज होगा। सीधे बच्चों तक इससे सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सकेगा। इसकी मदद से छात्रवृत्ति में भी गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाएगी। आईडी को बच्चों के आधार नंबर से लिंक किया जाएगा।