प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में आचार संहिता खत्म होते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। आयोग के गठन के बाद अफसरों की बृहस्पतिवार को पहली बैठक में पदों के विवरण तैयार करने के साथ अन्य प्रक्रिया पर चर्चा हुई। बैठक में चार सदस्य भी मौजूद रहे।
कार्यवाहक अध्यक्ष प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल और 12 सदस्यों की जल्द बैठक होने की बात कही जा रही है। उसमें आयोग की ओर से निर्णय लिए जाएंगे। इससे पहले विशेष सचिव उच्च शिक्षा गिरिजेश त्यागी ने बैठक कर आयोग की कार्यपद्धति व भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को लेकर को चर्चा की। बैठक में नवनियुक्त चार सदस्य केसी वर्मा, कीर्ति गौतम, विनोद सिंह, विमल कुमार विश्वकर्मा के अलावा उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की सचिव रत्नप्रिया, उपसचिव शिवजी मालवीय, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के प्रभारी उपसचिव नवल किशोर रहे।
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से पूर्व में विज्ञापित पदों व इनके सापेक्ष आए आवेदनों पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से ही 4100 से अधिक पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसके लिए 13 लाख से अधिक आवेदन पहुंचे थे। हालांकि, भर्ती प्रक्रिया पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। ये नीतिगत फैसले हैं। इसलिए आयोग की बैठक में इस पर निर्णय लिए जाएंगे।
उच्चतर के अफसर-कर्मचारी कल से नए आयोग में बैठेंगे: बैठक में उच्चतर आयोग
के अफसरों और कर्मचारियों को नवगठित शिक्षा सेवा चयन आयोग मुख्यालय में बैठने के लिए कहा गया।
शनिवार से अफसर और कर्मचारी नए आयोग में बैठने भी लगेंगे। इसके अलावा उच्चतर की फाइलें, दस्तावेज, फर्नीचर आदि सामान भी नए आयोग में लाए जाएंगे। अफसरों ने बताया कि सभी सामान एक सप्ताह में शिफ्ट कर लिए जाएंगे।
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आयोग में होंगे 100 से अधिक अफसर-कर्मचारी
विशेष सचिव की अध्यक्षता में बैठक में आयोग में पदों के सृजन पर भी चर्चा हुई। सचिव, परीक्षा नियंत्रक, वित्त नियंत्रक के अलावा कंप्यूटर सहायक, प्रधान सहायक, वरिष्ठ लिपिक, कनिष्क लिपिक आदि पद सृजित कर इन पर भर्ती किए जाने पर सहमति बनी। अफसरों के अनुसार आयोग में कुल 100 पद होंगे। विशेष सचिव ने चयन बोर्ड, उच्चतर आयोग में नियुक्त अफसरों एवं कर्मचारियों का विवरण भी एकत्रित किया। इन्हें नए आयोग में ही समायोजित किए जाने की तैयारी है।
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वेतन, बिजली बिल के भुगतान आदि के उठे मुद्दे
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग
बैठक में सदस्यों, अफसरों, अन्य कर्मचारियों के वेतन, बिजली बिल का भुगतान, बैठने की व्यवस्था, फाइलों के रखरखाव आदि बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। अफसरों का कहना था कि वित्त नियंत्रक की नियुक्ति के बगैर वेतन का भुगतान नहीं हो सकता। अफसरों ने बताया कि चयन बोर्ड में लेखाधिकारी रहे हैं, लेकिन उनके पास वेतन आदि स्वीकृत करने का अधिकार नहीं है। विशेष सचिव ने बैठक में बताया कि शासन के संज्ञान में पूरी बात है। आयोग में सचिव और वित्त नियंत्रक की नियुक्ति की फाइलें आगे बढ़ा दी गई हैं। इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द पूरी होने की उम्मीद है। इसके बाद कर्मचारयों की जल्द इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा।