लखनऊ। वाराणसी के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की मुजफ्फरनगर में हत्या के बाद एक बार फिर माध्यमिक के शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन का शनिवार से बहिष्कार कर दिया। शिक्षक धर्मेंद्र कुमार के परिवार को दो करोड़ का मुआवजा, शिक्षकों से गैर शैक्षणिक काम न लिए जाने व धर्मेंद्र कुमार की पत्नी को पेंशन के रूप में पूरा वेतन दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
मूल्यांकन बहिष्कार का प्रदेश में मिला-जुला असर रहा है। प्रयागराज, मेरठ, बस्ती समेत कुछ जिलों में कई केंद्रों पर कॉपियां ही नहीं ली गई। वहीं जहां पर कॉपियां जारी भी हो गई थीं, उसे शिक्षक नेताओं ने वापस करा दिया। दूसरी तरफ प्रयागराज समेत कुछ जिलों में मूल्यांकन बहिष्कार को लेकर डीआईओएस ने सख्ती की और शिक्षकों को चेतावनी भी दी। वहीं शिक्षक नेताओं ने इसके बाद भी मूल्यांकन बहिष्कार जारी रखा।
राजकीय शिक्षक संघ के रामेश्वर पांडेय ने दावा किया कि मूल्यांकन बहिष्कार पूरी तरह सफल रहा है और सभी शिक्षक संगठन इसमें साथ हैं। जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाती है तब तक मूल्यांकन बहिष्कार जारी रहेगा।
अटेवा पेंशन बचाओ मंच ने भी मूल्यांकन बहिष्कार का समर्थन किया। लखनऊ में शिक्षकों के बहिष्कार में वह शामिल भी हुए। वहीं माध्यमिक शिक्षा परिषद का दावा है कि मात्र 17 केंद्रों पर मूल्यांकन कार्य प्रभावित हुआ है। इसके बाद भी शनिवार को 21 लाख से अधिक कॉपियों का मूल्यांकन किया गया।