आगामी वित्तीय वर्ष के पहले माह अप्रैल 2024 से एसआईपी से जुड़े 4 नए नियम कुछ इस प्रकार है आईये विस्तृत रूप में जानकारी प्राप्त करते हैं तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक :
नई फंड वैल्यूएशन विधि: अप्रैल 2024 से, म्युचुअल फंडों को अपनी NAV (Net Asset Value) की गणना करने के लिए एक नई विधि का उपयोग करना होगा। यह विधि, जिसे “फेयर वैल्यू मार्किंग” कहा जाता है, शेयरों और अन्य परिसंपत्तियों के मूल्य का अधिक सटीक मूल्यांकन प्रदान करेगी।
लिक्विडिटी जोखिम का खुलासा: म्युचुअल फंडों को अब निवेशकों को लिक्विडिटी जोखिम के बारे में अधिक जानकारी देनी होगी। इसका मतलब यह है कि फंड को यह बताना होगा कि वे कितनी आसानी से अपनी परिसंपत्तियों को नकदी में बदल सकते हैं, और यदि निवेशक जल्दी से पैसे निकालना चाहते हैं तो उन्हें कितना इंतजार करना पड़ सकता है।
वॉलेटिलिटी का खुलासा: म्युचुअल फंडों को अब निवेशकों को अपनी वॉलेटिलिटी के बारे में अधिक जानकारी देनी होगी। वॉलेटिलिटी यह मापती है कि किसी फंड का मूल्य कितना उतार-चढ़ाव करता है। निवेशकों को यह समझने की आवश्यकता है कि वे कितना जोखिम उठा रहे हैं, और यदि फंड का मूल्य गिरता है तो वे कितना खो सकते हैं।
पोर्टफोलियो होल्डिंग्स का खुलासा: म्युचुअल फंडों को अब निवेशकों को अपनी पोर्टफोलियो होल्डिंग्स के बारे में अधिक जानकारी देनी होगी। इसका मतलब यह है कि फंड को यह बताना होगा कि वे किन शेयरों और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं।
एसआईपी (Systematic Investment Plan) पर प्रभाव:
ये नए नियम एसआईपी में निवेश करने वाले लोगों को कैसे प्रभावित करेंगे, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि इन नियमों से एसआईपी में निवेश करने वाले लोगों के लिए जोखिम बढ़ जाएगा, जबकि अन्य का मानना है कि इससे निवेशकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
निवेशकों के लिए सलाह:
नए नियमों को लागू होने से पहले, एसआईपी में निवेश करने वाले लोगों को इन नियमों को समझना चाहिए और यह तय करना चाहिए कि क्या वे उनके लिए उपयुक्त हैं। यदि आप एसआईपी में निवेश करने के बारे में अनिश्चित हैं, तो आपको वित्तीय सलाहकार से बात करनी चाहिए।
नए नियमों के बारे में अधिक जानकारी के लिए:
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