लखनऊ। हाईकोर्ट ने बिना प्रारम्भिक योग्यता परीक्षा (पेट) पास किए आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट की लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग वाली याचिकाएं खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पेट को लिखित परीक्षा के समान नहीं माना जा सकता है। यह योग्यता परीक्षा है, जिसका तात्पर्य प्रारम्भिक स्तर पर छंटनी करना है।
हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बिना प्रारम्भिक योग्यता परीक्षा (पेट) पास किए आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट की लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग वाली याचिकाएं खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पेट को लिखित परीक्षा के समान नहीं माना जा सकता है। यह क्वालिफाइंग परीक्षा है, जिसका तात्पर्य प्रारम्भिक स्तर पर ही अभ्यर्थियों की छंटनी करना है। यह आदेश जस्टिस मनीष माथुर की एकल पीठ ने एकता सिंह आदि की ओर से दायर रिट याचिकाएं खारिज कर पारित किया। याचियों ने उन प्रावधानों को खारिज करने की मांग की थी, जिनसे उन्हें बिना पेट पास किए आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट लिखित परीक्षा में बैठने के अयेाग्य करार कर दिया गया था। याचिकाओं का विरेाध करते हुए यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा का तर्क था कि याची जानबूझकर पेट में नहीं बैठे। उन्हें विज्ञापन के अनुक्रम में परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।