प्रयागराज। उच्च शिक्षा में समूह ‘ग’ के लिपिकों का संवर्ग एक किए जाने की तैयारी है। इसके लिए गठित समिति की मंगलवार को शासन स्तर पर हुई पहली बैठक में इस व्यवस्था को लागू करने से पहले इसके तकनीकी पहलुओं पर विचार करने का निर्णय लिया गया।
अगर यह व्यवस्था लागू हो जाती है तो इससे उच्च शिक्षा में अंतरविभागीय स्थानांतरण किए जा सकेंगे। इससे भ्रष्टाचार के मामलों में भी कमी आएगी। अक्सर यह आरोप
लगते हैं कि कर्मचारी एक ही जगह वर्षों से तैनात हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। अगर नियमित अंतराल पर उनके स्थानांतरण किए जाते रहें तो इस तरह के आरोप लगने भी कम हो जाएंगे।
उच्च शिक्षा निदेशालय में तैनात समूह ‘ग’ के लिपिकों का स्थानांतरण नहीं होता है। वे निदेशालय से नौकरी शुरू करते हैं और वहीं से सेवानिवृत्त हो जाते हैं। वहीं, क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात लिपिकों को केवल एक से दूसरे
क्षेत्रीय कार्यालय में स्थानांतरित किए जाने की व्यवस्था है। इसी तरह महाविद्यालयों में तैनात समूह ‘ग’ के लिपिकों को एक से दूसरे महाविद्यालय में ही स्थानांतरित किए जाने का प्रावधान है। अगर समूह ‘ग’ के लिपिकों का संवर्ग एक कर दिया जाए तो निदेशालय में तैनात लिपिकों को क्षेत्रीय कार्यालय और महाविद्यालयों के लिपिकों को महाविद्यालयों एवं निदेशालय और महाविद्यालयों के लिपिकों को निदेशालय एवं कार्यालयों में स्थानांतरित किया जा सकेगा