*अंतर्जनपदीय ट्रांसफर में दिल्ली पुलिस को 10 अंक का भारांक दिए जाने के उपरांत अमेठी से बुलंदशहर ट्रांसफर में अर्चना तालियांन को बीएसए बुलंदशहर द्वारा ज्वाइन नहीं कराया गया था इसके अगेंस्ट में अर्चना तालियांन ने हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में रिट दायर की थी जो की 6 महीने तक सुनवाई होने के बाद जज का ट्रांसफर हुआ और नए जज ने आते ही पहली सुनवाई में केस को रिजेक्ट कर दिया था।*
*उसके बाद अर्चना तालियांन ने हाई कोर्ट की डबल बेंच में अपील दायर की जिसमें दूसरी सुनवाई में ही हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सचिव के आदेश और सिंगल बेंच के आदेश पर स्टे कर दिया है और बीएसए बुलंदशहर को ज्वाइन करने का आदेश पारित किया है।*
नीतियां अधिकारी कितनी भी गलत बना ले लेकिन इस देश में न्यायपालिका भी अभी एक चीज बची हुई है जो कि अधिकारियों के मन माने और निरंकुश आचरण पर रोक लगाती है माननीय जजों को इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।