प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की संविदाकर्मी की संविदा रद्द किए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका निस्तारित करते हुए कहा है कि नई संविदा भर्ती में कानून के दायरे के तहत याची महिला के लंबे अनुभवे का ध्यान रखा जाय। यह फैसला न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की कोर्ट ने सुनाया। याची की ओर से अधिवक्ता योगेश मिश्र ने पक्ष रखा। मामले में याची महिला दुर्गावती सिंह 23
वर्षों से कस्तूरबा गांधी विद्यालय, वाराणसी में संविदा पर जिला समन्वयक के पद पर कार्यरत थीं। इस दौरान याची महिला पर लगाए गए कई आरोपों की जांच के बाद बीएसए ने 4 अगस्त 2023 को पत्र जारी कर उनकी संविदा रद्द कर दी। इसके विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि याची नई संविदा भर्ती में शामिल होने के लिए स्वतंत्र है। संवाद