प्रयागराज, । मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के अनुमोदन के बगैर यमुनापार के सरकारी सहायता प्राप्त श्री रामसुमेर तिवारी संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक की नियम विरुद्ध नियुक्ति और मानदेय जारी करने की जांच शुरू हो गई है।
आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने 29 फरवरी को ‘नियुक्ति पर प्रधानाचार्य के खिलाफ तहरीर’ शीर्षक समाचार प्रकाशित किया था। इस मामले में प्रबंधक नीलम तिवारी की शिकायत पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने उप शिक्षा निदेशक आरएन विश्वकर्मा से रिपोर्ट तलब की है। उप शिक्षा निदेशक ने 21 मार्च को जिला विद्यालय निरीक्षक साक्ष्य सहित रिपोर्ट मांगी है। प्रबंधक नीलम का कहना है कि डीआईओएस ने 19 अक्तूबर 2023 को प्रबंधक को लिखे पत्र में संदीप कुमार मिश्र को विषय संस्कृत साहित्य के पद पर मानदेय शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र निर्गत कर कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन कार्यवाहक प्रधानाचार्य रामजी पांडेय ने उक्त पत्र एवं चयन सूची प्रबंधक के समक्ष प्रस्तुत न करके अपने स्तर से कार्यभार ग्रहण करा दिया जो विधि विरुद्ध है। यह अधिकार कार्यवाहक प्रधानाचार्य को नहीं है। कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने प्रबंधक को सूचित किए बिना फर्जी शिक्षक का राजकोष से मानदेय भी आहरित करा लिया गया जो राजकीय धन का दुरुपयोग एवं गैर कानूनी है। शासन के 17 अगस्त 2023 के आदेश के अनुसार मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के अनुमोदन के बगैर मानदेय जारी नहीं हो सकता। जबकि प्रयागराज के जेडी दिब्यकांत शुक्ल की ओर से 20 जनवरी को उप शिक्षा निदेशक संस्कृत को भेजे पत्र के अनुसार मंडल के किसी जिले से मानदेय शिक्षकों के अनुमोदन का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।