लखनऊ। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कई साल से कार्यरत तदर्थ शिक्षकों ने हटाए जाने के बाद बहाली के लिए मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। उन्होंने लखनऊ, जौनपुर व बहराइच में तदर्थ शिक्षकों के बकाया वेतन को भी जारी करने की मांग उठाई।
तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने कहा कि नौ नवंबर 2023 को शासन ने तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी। इससे लगभग 2000 तदर्थ – शिक्षकों के घरों का चूल्हा बुझने के कगार पर है। प्रदेश महामंत्री सुशील शुक्ला ने कहा कि अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में नियमितीकरण में हुई गड़बड़ी को
छुपाने के लिए अधिकारियों ने तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दीं। वहीं, शासन के तमाम निर्देश के बाद भी अभी तक तीन जिलों के तदर्थ शिक्षकों का बकाया वेतन नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि तदर्थ शिक्षक तब तक आंदोलन
करेंगे जब तक उनकी सेवाएं बहाल न कर दी जाए। हालांकि निदेशालय में अधिकारियों के उपस्थित न होने से शिक्षकों की किसी से मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने जल्द दोबारा अधिकारियों से, मिलने की बात कही है।