नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही अभिभावकों की जेब पर पढ़ाई का बोझ बढ़ने लगा है। निजी स्कूलों ने हर साल की तरह इस बार भी फीस में वृद्धि की है। शहर के प्रमुख निजी स्कूलों की संशोधित फीस पर गौर करें तो हर महीने औसतन चार से छह सौ रुपये की वृद्धि की गई है। कॉपी-किताब, यूनिफॉर्म वगैरह की कीमतें भी पिछले साल की तुलना में बढ़ने से घर का बजट बिगड़ गया है।
महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर में पिछले साल कक्षा एक से आठ तक सालाना 60920 रुपये फीस थी। अभिभावकों को हर तीन महीने में 15230 की किस्त देनी पड़ती थी। इस साल कक्षा एक से आठ तक की फीस 67400 रुपये कर दी गई है यानि अभिभावकों को हर तीन महीने पर 16850 रुपये की किस्त देनी होगी। कक्षा नौ व दस में पिछले सत्र में सालाना 64120 रुपये फीस थी जो इस बार 70920 हो गई है।
सेंट जोसेफ कॉलेज में एलकेजी से कक्षा पांच तक की फीस में पांच साल में वार्षिक 12 हजार रुपये का इजाफा हुआ है। 2020-21 सत्र में एलकेजी से पांच तक के बच्चों की सालाना फीस 37010 थी जो इस सत्र में 49032 हो गई है। पांच साल में 12022 रुपये की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार छह से दस तक की फीस 40742 से बढ़ाकर 53968 कर दी गई है। सेंट्रल एकेडमी झूंसी ने भी सालाना 5150 रुपये फीस बढ़ा दी है। पिछले सत्र में कक्षा एक से तीन तक के बच्चों से 5150 रुपये की सालभर में पांच किश्तें ली जाती थी। इस साल से 5150 रुपये की छह किश्तें देनी होगी। यानि फीस में 5150 रुपये का इजाफा हुआ है। यानि प्रतिमाह 429 रुपये की फीस वृद्धि हुई है। टैगोर पब्लिक स्कूल ने भी प्रतिमाह तकरीबन पांच रुपये की फीस वृद्धि की है।
निजी स्कूलों ने बिना अभिभावकों से सलाह लिए फीस वृद्धि कर दी है। हर साल किताब और यूनिफार्म बदलने के कारण परेशान अभिभावकों के लिए फीस में इजाफा अतिरिक्त भार है। इस मसले पर जल्द अभिभावकों का प्रतिनिधिमंडल जिला विद्यालय निरीक्षक से मिलेगा।
विजय गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष अभिभावक एकता समिति
● नए सत्र में निजी स्कूलों ने बढ़ाई फीस, अभिभावक परेशान
● एमपीवीएम ने पिछले साल से हर महीने 540 रुपये फीस बढ़ाई