समीक्षा अधिकारी (आरओ) / सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक की घटना के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) अब तक एक निरस्त और पांच परीक्षाएं स्थगित कर चुका है। आयोग पर अब संशोधित परीक्षा कैलेंडर जारी करने का दबाव है, ताकि अभ्यर्थी आगामी परीक्षाओं की तैयारी समय से पूरी कर सकें।
11 फरवरी को आयोजित
आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक की घटना के बाद शासन ने यह परीक्षा निरस्त कर दी थी। हालांकि, आयोग ने इस परीक्षा को निरस्त करने के लिए अभी अपने स्तर से कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है, लेकिन इसके बाद प्रस्तावित पांच परीक्षाएं आयोग स्थगित कर चुका है और इनके आयोजन की नई तिथि अभी तय नहीं है। आयोग की ओर से 17 मार्च को प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024, 22 मार्च
को प्रस्तावित स्टाफ नर्स (यूनानी/आयुर्वेदिक) (पुरुष/महिला) प्रारंभिक परीक्षा-2023, सात अप्रैल को
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रस्तावित सहायक नगर नियोजक प्रारंभिक परीक्षा-2023, नौ अप्रैल को प्रस्तावित अपर निजी सचिव परीक्षा-2023 ) (शॉर्टहैंड / टाइपिंग) और 24 अप्रैल को प्रस्तावित स्टाफ नर्स एलोपैथी (पुरुष/महिला) मुख्य परीक्षा-2023 स्थगित की गई है।
इन परीक्षाओं के स्थगित होने की वजह अब पीसीएस-2024 की मुख्य परीक्षा, स्टाफ नर्स (यूनानी/आयुर्वेदिक) (पुरुष/महिला) की मुख्य परीक्षा और सहायक नगर नियोजक की मुख्य परीक्षा भी
पूर्व निर्धारित समय पर नहीं हो सकेगी। आयोग के कैलेंडर में मई में कोई परीक्षा प्रस्तावित नहीं है। मई में लोकसभा चुनाव हैं, सो स्थगित परीक्षाएं अब जून या इसके बाद ही कराई जा सकेंगी।
आयोग के कैलेंडर में जून से दिसंबर तक तक 10 तिथियां आरक्षित हैं और स्थगित परीक्षाएं इन्हीं तिथियों में कराई जा सकती हैं। वहीं, आयोग को आधा दर्जन परीक्षाओं के लिए रिक्त पदों का अधिचायन मिल चुका है, लेकिन ये आयोग के कैलेंडर में शामिल नहीं है। कोई परीक्षा समकक्ष अर्हता स्पष्ट न होने के कारण तो कोई परीक्षा पाठ्यक्रम एवं परीक्षा योजना को शासन से मंजूर मिलने के इंतजार में अटकी है।
ऐसे में आने वाले समय में परीक्षाओं के आयोजन को लेकर उहापोह की स्थिति है। अभ्यर्थी जानना चाहते हैं कि स्थगित की गईं परीक्षाएं कब कराई जाएंगी। इसके लिए आयोग पर संशोधित परीक्षा कैलेंडर जारी करने का दबाव बढ़ गया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि आयोग को संशोधित कैलेंडर शीघ्र जारी कर देना चाहिए, ताकि अभ्यर्थी कैलेंडर के अनुरूप परीक्षा की तैयारी समय से पूरी कर सकें।