लखनऊ। परिषदीय विद्यालय के बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी के साथ अब स्थानीय भाषा में शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए अवधी, भोजपुरी, ब्रज, बुंदेली और बघेली भाषा में पाठ्य सामग्री तैयार की जा रही है। बहुत जल्द विद्यालयों में बच्चों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा।
एससीईआरटी की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों के पाठ्यक्रमों में बदलाव की योजना है। सरकारी स्कूलों के बच्चों को न केवल स्थानीय संस्कृति के बारे में पढ़ाया जा रहा है बल्कि अब स्थानीय भाषाओं में शिक्षा देने की भी तैयारी है।
परिषद ने इसके लिए स्थानीय भाषा में पाठ्यक्रम तैयार करने पर कार्य शुरू कर दिया है। पाठ्य सामग्री ई-कंटेंट के साथ ही किताब के रूप में भी विद्यालयों को उपलब्ध कराई जाएगी। बोली-भाषा के आधार पर किताबें भी होंगी, विद्यालयों में जिन्हें विकल्प के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा।
आसान भाषा, बेहतर शिक्षा
स्थानीय भाषा में पाठ्य सामग्री होने से बच्चे आसान तरीके से संबंधित विषय को समझ सकेंगे। शिक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है। यहां न केवल विभाग के कार्य बल्कि स्कूलों में दी जाने वाली किताबें भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मिलेंगी।
सरिता तिवारी, निदेशक, एससीईआरटी