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इन्वर्टर एसी महंगे होते हैं, लेकिन यह ज्यादा एनर्जी एफिशिएंट भी होते हैं. वहीं, नॉन-इन्वर्टर एसी कम पैसों में आते हैं, लेकिन वे अधिक बिजली की खपत करते हैं, जिस वजह से बिजली का बिल अधिक आता है।
Inverter AC Vs Non Inverter AC: गर्मियों का सीजन शुरू हो चुका है. अब इतनी भयंकर गर्मी पड़ती है कि बिना AC के गुजारा करना मुमकिन नहीं लगता है. कई लोगों के घर में पहले से एयर कंडीशनर है तो कई इस गर्मी नया एयर कंडीशनर खरीदने के बारे में सोच रहे होंगे. अगर आप भी एक नया एयर कंडीशनर घर लाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको पहले इनवर्टर और नॉन-इनवर्टर एसी के बीच का अंतर पता होना चाहिए अन्यथा पैसे डूब जाने का खतरा बना रहेगा. यहां हम आपको इनवर्टर और नॉन-इनवर्टर एसी के बीच अंतर के साथ यह बताएंगे कि किस AC को खरीदने में आपका फायदा होगा….
● *इन्वर्टर AC क्या है?*
इन्वर्टर एसी में इन्वर्टर टेक्नोलॉजी दी जाती है, जो इलेक्ट्रिक वोल्टेज, करंट और फ्रीक्वेंसी को कंट्रोल करने का काम करती है. नॉन-इनवर्टर एसी में कंप्रेसर या चालू या बंद होता है, जिसकी वजह से तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव आता रहता है. दूसरी ओर, इन्वर्टर AC कंप्रेसर को कूलिंग की जरूरत के आधार पर अलग-अलग स्पीड चालू होने की अनुमति देता है, जिससे तापमान एक जैसा बना रहता है और कोई उतार-चढ़ाव नहीं आता है।
*नॉन-इन्वर्टर एसी क्या है?*
नॉन-इन्वर्टर एसी में टेंपरेचर को एडजस्ट या कंट्रोल करने के लिए कंप्रेसर को ऑन या बंद करने का विकल्प होता है, जिस वजह से तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है. इन्वर्टर एसी के मुकाबले नॉन-इन्वर्टर एसी अधिक बिजली कंज्यूम करते हैं क्योंकि उन्हें तापमान बनाए रखने के लिए अधिक काम करना पड़ता है।
*इन्वर्टर और नॉन-इन्वर्टर टेक्नोलॉजी में अंतर*
1.5-टन का इन्वर्टर AC 0.3-टन से 1.5-टन के बीच काम कर सकता है, जबकि नॉन-इन्वर्टर AC हमेशा ही 1.5-टन पर काम करता है.
*तापमान पर कंट्रोल*
इन्वर्टर एसी से टेंपरेचर में उतार-चढ़ाव नहीं होता है. इससे आप टेंपरेचर को स्टेबल रख सकते हैं. मान लीजिए अगर आपने एसी को 24-डिग्री पर सेट कर दिया है तो इन्वर्टर एसी यही टेंपरेचर बनाए रखेगा, जबकि एक नॉन-इन्वर्टर एसी तापमान को 1 या 2 डिग्री बढ़ा या घटा सकता है.
*कीमत और बिजली बिल*
इन्वर्टर एसी महंगे होते हैं, लेकिन यह ज्यादा एनर्जी एफिशिएंट भी होते हैं. इन्वर्टर एसी आपके बिजली के बिल में पैसे बचा सकते हैं. वहीं, नॉन-इन्वर्टर एसी कम पैसों में आते हैं, लेकिन वे अधिक बिजली की खपत करते हैं, जिस वजह से बिजली का बिल अधिक आता है.
*शोर का स्तर*
इन्वर्टर एसी नॉन-इन्वर्टर एसी की तुलना में शांत होते हैं क्योंकि कंप्रेसर की स्पीड कूलिंग की जरूरत के हिसाब से एडजस्ट होती है. हाईटेक इन्वर्टर एसी में स्लीप मोड या क्वाइट मोड भी होता है. दूसरी तरफ, नॉन-इन्वर्टर एसी की एक निश्चित स्पीड होती है, जो शोर पैदा कर सकती है.
*उम्र और मेंटेनेंस*
इन्वर्टर एसी नॉन-इन्वर्टर एसी की तुलना में लम्बे समय तक चलते हैं. इसके अलावा, इन्वर्टर एसी की नॉन-इन्वर्टर एसी की तुलना मेंटेनेंस कॉस्ट ज्यादा होती है. इन्वर्टर एसी में कम चलने वाले पुर्जे होते हैं, जिसके चलते कम टूट-फूट होती है. नॉन-इन्वर्टर एसी में अधिक चलने वाले पुर्जे होते हैं, जिसके चलते अधिक टूट-फूट होती है।
*आपको किसे खरीदना चाहिए?*
यदि आप एक कम बिजली की खपत करने वाले और आरामदायक कूलिंग एक्सपीरियंस वाला एसी चाहते हैं तो इन्वर्टर एसी बेहतर ऑप्शन है. इसके अलावा, अगर आपका बजट कम है, तो नॉन-इन्वर्टर एसी एक अच्छा ऑप्शन है, लेकिन ध्यान रहे कि यह अधिक बिजली की खपत करते हैं और कम आरामदायक होते हैं।
✍️ *निर्भय सिंह*