एसटीएफ की मेरठ और नोएडा यूनिट ने यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने वाले मास्टरमाइंड इंजीनियर राजीव नयन मिश्रा को ग्रेटर नोएडा में गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने ही अपने साथियों रवि अत्री, डॉ. शुभम मंडल और अभिषेक के साथ मिलकर पेपर आउट कराया। आरोपियों ने मानेसर के अलावा मध्य प्रदेश के रीवा में भी एक रिसोर्ट में 300 अभ्यर्थियों को ये पेपर परीक्षा से पहले पढ़ाया था।
प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि अभियुक्त राजीव नयन मिश्रा ने तरुणेश अजारिया के साथ मिलकर भोपाल के एनएचएम के तहत नर्सिंग स्टाफ की भर्ती का पेपर लीक कराया था, जिसमें दोनों ग्वालियर से जेल भेजे गए थे। राजीव सत्यसाईं यूनिवर्सिटी भोपाल से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक है। भोपाल में ही उसकी मुलाकात मधुबनी (बिहार) निवासी सुभाष प्रकाश व अतुल वत्स से हुई। ये दोनों भोपाल के कॉलेजों में पैसा लेकर एडमिशन कराने का गैंग चलाने लगे। 2019 में राजीव भी तरुणेश के संपर्क में आया और पेपर लीक का गैंग चलाने लगा।
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा 17-18 फरवरी 2024 को प्रदेश भर में आयोजित हुई थी। इससे पहले ही गिरोह ने पेपर आउट कर दिया। खुलासा होने के बाद सरकार ने परीक्षा निरस्त कर दी और जांच एसटीएफ को दी। इसी मामले में एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने 12 आरोपियों की गिरफ्तारी की थी। खुलासा किया गया कि पेपर रवि अत्री निवासी नोएडा, राजीव निवासी प्रयागराज/हाल निवासी भोपाल, अभिषेक शुक्ला, डॉ. शुभम मंडल, शिवम गिरी और रोहित पांडेय ने टीसीआई कंपनी के अहमदाबाद गुजरात वाले वेयरहाउस से लीक कराया था। एसटीएफ शुभम, अभिषेक, शिवम व रोहित को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं राजीव को मेरठ के कंकरखेड़ा थाने की सुपुर्दगी में दे दिया गया। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
कंसल्टेंसी कंपनियों का मालिक है
● पेपर की छपाई अहमदाबाद की प्रिंटिंग प्रेस में हुई। पेपर को ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के वेयरहाउस भेजा जाता, जहां से यूपी लाने की जिम्मेदारी कंपनी की थी।
● रवि अत्री इसी कंपनी में काम करने वाले अभिषेक को जानता था। उसकी मदद से कंपनी में काम करने वाले शिवम, रोहित को अपने साथ मिला लिया। शुभम को भी पेपर निकालने के लिए बुलाया गया।
लखनऊ/ प्रयागराज, हिटी। आरओ-एआरओ परीक्षा के पेपर लीक में भी राजीव नयन का नाम सामने आया है। लोक सेवा आयोग ने यह परीक्षा 11 फरवरी को दो पालियों में कराई थी। इस मामले में फरार चल रहे डॉ. शरद की तलाश में एसटीएफ ने बुधवार को लखनऊ और बरेली में दबिश दी लेकिन डॉ. शरद हाथ नहीं लगा। एसटीएफ के हत्थे चढ़े राजीव नयन से डॉ. शरद के बारे में पूछताछ की जाएगी।
गिरफ्तारी के बाद खुलासा P07
वर्ष 2014 में राजीव ने ई-शॉप कंसल्टेंसी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी खोली। यह कंपनी एडमिशन कराने व मैनपावर उपलब्ध कराने का काम करती थी। 2016 में सेमबोल्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोली थी। यह कंपनी भी एडमिशन का काम करती है।