भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने स्वास्थ्य बीमा से जुड़े कई नियमों में अहम बदलाव किए हैं। इसके तहत इरडा ने स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए अधिकतम उम्र सीमा को भी हटा दिया है। इसके साथ ही बीमा क्लेम करने के लिए मोरेटोरियम अवधि को भी घटा दिया है।
कंपनियां मना नहीं कर पाएंगी नए नियमों में अब किसी भी उम्र का शख्स स्वास्थ्य बीमा ले सकता है। अभी तक कंपनियां 65 साल से ज्यादा की उम्र वाले शख्स को यह सुविधा नहीं देती थीं। लेकिन अब 100 या इससे ज्यादा उम्र का शख्स भी स्वास्थ्य बीमा ले सकता है। कंपनियां इसके लिए मना नहीं कर सकतीं।
विशेषज्ञों के अनुसार, बीमा कंपनियों को अब वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखकर भी बीमा पॉलिसी पेश करनी होगी। हालांकि, ऐसे मामलों में बीमा प्रीमियम कुछ अधिक हो सकता है।
क्लेम खारिज नहीं कर पाएंगी कंपनियां इसके साथ ही नियामक ने बीमा क्लेम के लिए मोरेटोरियम अवधि को 8 साल से घटाकर 5 साल कर दिया गया है। यानी अब लगातार 60 महीने तक प्रीमियम चुकाने वाले ग्राहक का क्लेम बीमा कंपनी खारिज नहीं कर पाएगी। इसका फायदा नए और मौजूदा दोनों ग्राहकों को होगा। दरअसल, बीमा कंपनियां डायबिटीज, हाइपरटेंशन, अस्थमा जैसे बीमारियों के बारे में जानकारी नहीं देने के आधार पर क्लेम खारिज कर देती हैं। कंपनियां न सिर्फ दावा खारिज करती हैं, बल्कि पॉलिसी ही रद्द कर देती है।
मनमानी रुकेगी
विशेषज्ञों का कहना है कि मोरेटोरियम अवधि घटने से कंपनियों की मनमानी रुकेगी। कई बार कंपनियां पॉलिसी इस आधार पर रद्द कर देती हैं कि ग्राहक ने बीमारी के बारे में पहले जानकारी नहीं दी, भले ही अस्पताल में भर्ती होने की वजह दूसरी रही हो। चाहे ग्राहक ने पांच साल तक लगातार प्रीमियम भरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि आठ साल का समय बहुत लंबा था, पहले से मौजूद बीमारियों के लक्षण सामने आने में पांच साल समय पर्याप्त है।
दावा खारिज तो यहां करें शिकायत
● अगर ग्राहक को लगता है कि बीमा कंपनी ने गलत तरीके से दावा खारिज किया है तो वह शिकायत दर्ज करा सकता है।
● सबसे पहले कंपनी के पास शिकायत दर्ज कराएं। कंपनी की वेबसाइट मौजूद ई-मेल पते पर शिकायत भेजें।
● वहां 15 दिनों में शिकायत का निवारण नहीं होने पर इरडा की वेबसाइट (irdai.gov.in/) पर ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं।
● इसके अलावा इंश्योरेंस ओम्बुड्समैन के पास भी बीमा कंपनी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों को होगा फायदा
विशेषज्ञों का कहना है कि नियमों में बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों को बड़ा फायदा होगा। खासकर उन्हें, जिनके पास किसी तरह का स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं है। सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुविधा मिलती रहती है लेकिन निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए 65 साल के बाद यह दायरा सीमित हो जाता है। अधिकांश कर्मचारियों को किसी तरह का हेल्थ कवर नहीं मिलता है। यह फैसला उनके लिए काफी राहत प्रदान करेगा