जिले के परिषदीय स्कूलाें में अब समय सारिणी के अनुसार शिक्षण कार्य के निर्देश ने शिक्षकों की मुसीबत बढ़ा दी है। एक ओर जहां हर कक्षा में समय सारिणी चस्पा करने के निर्देश हैं तो दूसरी ओर स्थिति यह है कि कहीं एक शिक्षक के भरोसे स्कूल है तो कहीं एक कमरे का स्कूल है।
जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के 2061 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों में नया सत्र शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने चालू सत्र में समय सारिणी के अनुसार कक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है। अन्य गतिविधियों का संचालन भी इसी क्रम में होगा। नए नियम के तहत हर कक्षा में समय सारिणी चस्पा करनी है। साथ ही किस शिक्षक की कब क्लास है। उनका विवरण भी दर्ज करना है, ताकि इसका समय-समय पर पर्यवेक्षण भी हो। विद्यालय की कक्षावार एक समेकित समय सारिणी प्रधानाध्यापक कक्ष व विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर भी लगाई जानी है। विद्यालय में सुबह के 15 मिनट प्रार्थना सभा, योग और छात्रों की गिनती के लिए रखे जाएं। इसी तरह 40-40 मिनट की दो कक्षा पुस्तकालय के लिए निर्धारित होगी। इसी के साथ खेलकूद गतिविधियों का भी आयोजन होगा। भले ही शिक्षकों की उपलब्धता के अनुसार समय सारिणी तैयार करने को कहा गया है, लेकिन जिले की स्थिति काफी खराब है। जिले के करीब ढाई सौ स्कूल में एक शिक्षक हैं, जबकि 100 से अधिक स्कूलों में शिक्षामित्र और अनुदेशक के भरोसे पढ़ाई है। कुल मिलाकर कहीं एक शिक्षक के भरोसे स्कूल तो कहीं एक कमरे का स्कूल होने से समय सारणी का अनुपालन जिले में कराना काफी चुनौती पूर्ण है।
समय सारणी के अनुपालन को लेकर संबंधितों को निर्देश कर दिया गया है। विभागीय टीमें इसे लागू कराने और इसके लिए शिक्षकों प्रेरित भी करेंगी। – नवीन पाठक, बीएसए।