अल्मोड़ा। सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के दावे कर छात्र संख्या बढ़ाने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। शिक्षकों की कमी से विद्यार्थी सरकारी विद्यालयों से मुंह मोड़ने के लिए मजबूर हैं। जिले में एकल शिक्षकों के भरोसे संचालित आठ जूनियर हाईस्कूल इसका प्रमाण हैं। इन विद्यालयों में तीन कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी सिर्फ एक शिक्षक पर है।
जिले में राजकीय जूनियर हाईस्कूल फणिया, तोल बुधानी, बिरकोला, मेलगांव, पीपलधार, विमांडेश्वर, चक्कर गांव, इनेला एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं। हर विद्यालय में छठी से लेकर आठवीं कक्षा तक 14 से 16 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। एक ही शिक्षक के लिए तीन अलग-अलग कक्षाओं के विद्यार्थियों को बेहतर ज्ञान देना कैसे संभव होगा, इसको पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है। नतीजतन इन विद्यालयों में छात्र संख्या लगातार कम हो रही है। पिछले शिक्षा सत्र तक इन विद्यालयों में छात्र संख्या 28 से 30 तक थी जो अब घटकर आधी रह गई है। शिक्षक न होने से अभिभावक और विद्यार्थी अन्य विद्यालयों का रुख करने के लिए मजबूर हैं। संवाद