प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से आयोजित छह प्रकार की सीधी भर्तियों में स्क्रीनिंग परीक्षा के अंकों को भी चयन का आधार बनाया जाएगा। इनमें राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती भी शामिल है। अब तक सीधी भर्तियों में स्क्रीनिंग परीक्षा केवल अभ्यर्थियों की छंटनी के लिए होती थी और इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार पर चयन होता था।
यूपीपीएससी ने बीते दिनों निर्णय लिया था कि जिन सीधी भर्तियों में स्क्रीनिंग परीक्षा होगी, उनमें स्क्रीनिंग परीक्षा के 75 फीसदी अंकों और इंटरव्यू के केवल 25 अंकों के आधार पर चयन परिणाम घोषित किया जाएगा। पहले केवल इंटरव्यू में
पशुचिकित्साधिकारी, खान अधिकारी, असिस्टेंट प्रोफेसर, सहायक रेडियो भर्ती स्क्रीनिंग परीक्षा और इंटरव्यू से
मिले अंकों के आधार पर चयन किया जाता था, जिसमें अक्सर विवाद होता था। आरोप लगते थे कि आयोग्य अभ्यर्थियों को मनमाने तरीके से अंक देकर चयनित किया जाता है।
ऐसे में आयोग को चयन की प्रक्रिया में बदलाव का निर्णय लेना पड़ा। स्क्रीनिंग परीक्षा और इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार चयन होने से विवाद काफी हद तक थम जाएगा।
आयोग ने छह प्रकार की सीधी भर्तियों की एक लिस्ट जारी की है, जिसमें राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती, सहायक रेडियो अधिकारी, खान अधिकारी, पशुचिकित्साधिकारी, यूनानी मेडिकल अधिकारी और आयुर्वेदिक मेडिकल अधिकारी भर्ती शामिल है।
इन सभी पदों को स्क्रीनिंग परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से भरा जाएगा। इनमें राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती सबसे महत्वपूर्ण है। इस भर्ती के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आवेदन करते हैं। भर्ती के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से 300 से अधिक रिक्त पदों का अधियाचन भी शासन के माध्यम से आयोग को भेजा जा चुका है। आयोग को अब स्क्रीनिंग परीक्षा से संबंधित प्रस्तावित नियमावली को शासन से मंजूरी मिलने का इंतजार है।