झांसी। परिषदीय स्कूलों की काया बदलने का काम जोरों पर चल रहा है। स्कूलों में एसी लगे हैं, स्मार्ट क्लास बन गई हैं, लेकिन पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। महानगर के भैंरो खिड़की क्षेत्र स्थित बेसिक प्राथमिक पाठशाला ऋषि कुंज बालक का हाल भी कुछ ऐसा ही है। इस स्कूल में नौ कमरे बने हैं। आधुनिक फर्नीचर है, दो कमरों में तो एसी लगे हैं। लेकिन कक्षा एक से पांच तक के 52 बच्चे केवल एक कमरे में बैठकर पढ़ते हैं। इन बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा भी केवल शिक्षामित्र पर है। ऐसे में सुविधाएं केवल मजाक बनकर रह गईं हैं।
शिक्षामित्र जावेद खान ने बताया कि सभी नौ कमरों में आधुनिक फर्नीचर है। एक कक्ष में बड़ा एलईडी टीवी लगा है। मिड-डे-मील तैयार करने के लिए दो महिला रसोइया हैं। शिक्षामित्र बताते हैं कि शहर के एक अन्य विद्यालय में तैनात एक सहायक अध्यापक अजय कुमार यहां कभी-कभी भ्रमण पर आते हैं। उनके पास तीन विद्यालयों की देखरेख की जिम्मेदारी है। स्कूल में संसाधनों के अनुसार बिजली की भरपूर खपत है, लेकिन बिजली का बिल दो साल से जमा नहीं किया गया।
बीएसए नीलम यादव ने बताया कि शहर के सभी स्कूलों का बिजली बिल विभाग द्वारा एकसाथ जमा कराया जाता है, लेकिन पिछले दो साल से बजट न आने के कारण बिजली बिल जमा नहीं कराया गया है।
सोलर पैनल से चल रहे एसी
स्कूल में बिजली का कनेक्शन है और सोलर पैनल भी लगा है। इसके चलते बच्चों को एसी की सुविधा लगातार मिलती है। बच्चे गर्मी से परेशान नहीं होते।
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बयान —-
शहर के कुछ विद्यालयों के भवन हाल ही में बने हैं। छात्र संख्या बढ़ाने के प्रयास लगातार जारी हैं। शिक्षकों के समायोजन का निर्णय अब शासन स्तर से ही होता है। वर्तमान स्थिति की उच्च अधिकारियों को भी जानकारी है।
– नीलम यादव, बीएसए