बलिया। बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के सभी बोर्ड के विद्यार्थियों की टीसी के साथ परमानेंट एजुकेशनल नंबर (पेन) बनाने के निर्देश केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने दिए थे।
इसे लेकर निजी विद्यालय प्रबंधन असमंजस में हैं। इसका कारण ज्यादातर बच्चों के पास आधार का न होना बताया जा रहा है। निजी विद्यालय के प्रबंधकों का कहना है कि अधिकतर विद्यार्थियों के पास आधार कार्ड नहीं है। इससे उनका रिकॉर्ड यू-डायस पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पा रहा है। स्थाई शिक्षा संख्या से वंचित हो रहे हैं।
जिले में 2249 परिषदीय स्कूलों के अलावा करीब एक हजार नीजि विद्यालय संचालित है। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत 607 इंटर कॉलेज संचालित है। उल्लेखनीय है कि अब पेन के बिना विद्यार्थियों की गणना किसी भी प्रकार के शैक्षिक सरकारी रिकॉर्ड में नहीं होगी। यदि पेन नहीं बनवाया गया तो आने वाले समय में विद्यार्थियों को सरकारी
योजनाओं में लाभ से वंचित होना पड़ सकता है।
अब अनिवार्य है यू-डाइस और पेन पोर्टल पर पंजीकरण
विद्यालयों में प्रवेश के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़ा पर नकेल कसने के लिए शासन ने यू-डायस व पेन पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया। उक्त पोर्टल पर पंजीकरण के बाद एक बच्चा एक से अधिक विद्यालयों में प्रवेश नहीं ले पाएगा। बिना मान्यता के चल रहे विद्यालयों पर भी नकेस कसने में आसानी होगी। पोर्टल पर बच्चों का पूरा रिकॉर्ड जिसमें विद्यालय का यू- डायस कोड व आधार संख्या, कक्षा, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम एवं पता आदि विवरण दर्ज होना है।
बच्चों का पेन पंजीकरण कराने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने निर्देश दिया है, जो विद्यालय अब तक विद्यार्थियों का पंजीकरण कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं, वह अविलंब पंजीकरण करा दें अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। –
मनीष कुमार सिंह,
बीएसए।