कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अब अगर कोई ईपीएफओ सदस्य नौकरी बदलता है तो उसकी पीएफ की राशि नई कंपनी या नियोक्ता के पास स्वचालित तरीके से हस्तांतरित हो जाएगी। सदस्य को इसके लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
नए नियम को लागू कर दिया गया है। इसके बाद कर्मचारियों को पुरानी से नई कंपनी में पीएफ राशि हस्तांतरित कराने के लिए फॉर्म-31 नहीं भरना होगा। पहले नौकरी बदलते समय कर्मियों को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) होने के बावजूद इसके लिए आवेदन करना पड़ता था।
वेतन का 12 योगदान
ईपीएफओ के नियम के अनुसार, कर्मचारियों को पीएफ के लिए अपने मूल वेतन का 12 फीसदी योगदान देना होता है। नियोक्ताओं को भी इसके बराबर का योगदान देना होता है। इसी खाते के जरिए किसी कर्मचारी को आगे चलकर पेंशन दी जाती है।
यूएएन इसलिए है जरूरी
यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) पीएफ खाताधारक के लिए केंद्रीयकृत मंच के तौर पर काम करता है। यह एक सदस्य को कई पीएफ खातों को एक साथ जोड़ने की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा यूएएन अन्य सेवाएं भी प्रदान करता है। इसके तहत ईपीएफओ सदस्य इसकी मदद से अपना यूएएन कार्ड और पीएफ की पासबुक डाउनलोड कर सकता है। एसएमएस के जरिए कुल शेष राशि की जानकारी हासिल की जा सकता है।
गड़बड़ी की आशंका खत्म होगी
गौरतलब है कि जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है तो उसके यूएएन (पीएफ खाते) में नई कंपनी या नियोक्ता जुड़ जाता है। उसे ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पुराने पीएफ खाते को नए खाते से जोड़ना होता था। इस प्रक्रिया में ईपीएफओ सदस्यों को कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। गड़बड़ी होने की आशंका बनी रहती थी। इसके अलावा पुराने और नए नियोक्ता को भी इसकी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थी। अब खाताधारक की कोई भूमिका इस प्रक्रिया में नहीं होगी।