प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से पीसीएस-2023 की प्रारंभिक परीक्षा के प्राप्तांक और कटऑफ अंक जारी कर दिए जाने से अभ्यर्थियों के लिए अब पीसीएस-2024 की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी आसान होगी। वे पीसीएस-2023 के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक के आधार पर अपनी तैयारियों का बेहतर मूल्यांकन कर सकेंगे।
हालांकि, आयोग के कैलेंडर में पीसीएस-2024 की प्रारंभिक परीक्षा 17 मार्च 2024 को प्रस्तावित थी लेकिन आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक मामले के बाद आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 को स्थगित कर दिया था। अगर यह परीक्षा समय से आयोजित की गई होती तो पीसीएस 2024 में शामिल होने जा रहे अभ्यर्थियों को पीसीएस-2023 की प्रारंभिक परीक्षा के प्राप्तांक एवं कटऑफ के आधार पर मूल्यांकन का मौका न मिलता।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2023 के लिए 5,65,459 अभ्यर्थियों ने
आवेदन किए थे। इनमें से 3,45,022 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे और 4047 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए सफल हुए थे जबकि 340975 अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में ही छंटकर बाहर हो गए थे। 23 जनवरी 2024 को घोषित अंतिम परिणाम में 251 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे। योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण प्राविधिक सहायक (भूतत्व) के दो (ओबीसी व एससी के एक-एक) पद खाली रह गए थे।
पीसीएस-2023 की प्रारंभिक परीक्षा में जो अभ्यर्थी सफल नहीं हो सके थे, उनमें से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने पीसीएस-2024 के लिए भी आवेदन किए हैं। ऐसे अभ्यर्थी चाहते थे कि पीसीएस 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक अगली भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा से पहले
जारी कर दिए जाएंगे। इसके लिए कुछ अभ्यर्थियों के आयोग में ज्ञापन भी सौंपा था। अभ्यर्थी यह मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं।
अभ्यर्थी चाहते हैं कि आयोग यह नियम बना दे कि किसी भी भर्ती में प्रारंभिक परीक्षा के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक अगली भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा से पहले जारी कर दिए जाएं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि आयोग अब प्रारंभिक परीक्षा के माह भर बाद ही उसका परिणाम घोषित कर देता है। यानी उस वक्त आयोग के पास अभ्यर्थियों के प्रारंभिक परीक्षा के प्राप्तांक एवं कटऑफ उपलब्ध होते हैं।
अभ्यर्थी यही चाहते हैं कि अंतिम चयन परिणाम का इंतजार करने के बजाय प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के साथ ही प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक जारी कर दिए जाएं, ताकि सही मूल्यांकन के साथ अगली भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से की जा सके। इससे यूपी के उन अभ्यर्थियों को भी फायदा होगा, जो अन्य राज्यों की पीसीएस परीक्षाओं में भी शामिल होते हैं।