प्रयागराज। आर्थिक रूप से कमजोर नौवीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए शुरू की गई आय और योग्यता आधारित छात्रवृत्ति के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस बार 98.36 फीसदी बच्चे उत्तीर्ण हुए हैं। इनमें सबसे अधिक प्रयागराज के 485 बच्चों को छात्रवृत्ति मिलेगी।
राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा 2008 से शुरू हुई थी। प्रदेश के 15,143 बच्चों को यह छात्रवृत्ति दी जानी है। इसके लिए जिले स्तर पर सामान्य, ओबीसी, एससी, एसटी का कोटा निर्धारित है। हर वर्ष सामान्य और ओबीसी की सीटें भर जाती हैं, लेकिन आवेदन कम होने के कारण
प्रयागराज के सफल 485 बच्चों को मिलेगी छात्रवृत्ति
एसटी वर्ग की खाली रह गईं 247 सीटें
छात्रवृत्ति के लिए जिलेवार सीटें आरक्षित हैं। ओबीसी के 27, एससी के 21 और एसटी के दो फीसदी बच्चों को छात्रवृत्ति दी है। इस बार एसटी वर्ग के आवेदन कम होने से 247 सीटें खाली रह गई। पूर्व में इससे ज्यादा सीटें खाली रह गई थीं।
एससी और एसटी वर्ग के बच्चे नहल मिलते थे। इस बार अधिक से अधिक बच्चों के आवेदन के लिए मनोविज्ञान शाला को जिम्मेदारी दी गई थी। स्कूलों से संपर्क कर 1,88,227 बच्चों के ऑनलाइन
आवेदन कराए गए। पहली बार इतने अधिक आवेदन हुए थे। इनमें से 1,57,622 बच्चे परीक्षा में शामिल हुए।
25 अप्रैल को परिणाम आया तो 61,601 बच्चे सफल हुए। मेरिट के आधार पर 14,896 बच्चों का छात्रवृत्ति के लिए चयन किया गया। यह परीक्षा 180 अंकों थी और उत्तीर्ण होने के लिए 72 अंक चाहिए थे।
पहली बार 98.36 प्रतिशत बच्चों को छात्रवृत्ति मिलेगी। पिछले वर्ष 93.04 फीसदी बच्चे छात्रवृत्ति के लिए योग्य पाए गए थे। 2022 में आधे से भी कम 42.63 प्रतिशत बच्चे उत्तीर्ण हुए थे। मनोविज्ञान शाला की निदेशक ऊषा चंद्रा ने बताया कि इस बार परिणाम ने रिकॉर्ड बनाया है।