बस्ती, वित्तीय वर्ष 2023-24 समाप्त हो गया। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन 31 मार्च को ट्रेजरी में बिलों की भरमार रही। हालांकि अधिकांश बजट की खपत विभागों ने 20 मार्च तक ही कर लिया था। लेकिन शासन से कई मदों में एक-एक कर बजट जारी होता रहा और उसके बिल ट्रेजरी तक पहुंचते रहे। रविवार अवकाश होने के बावजूद अधिकांश विभागों का लेखा सेक्शन गुलजार रहा।
सीटीओ अशोक कुमार प्रजापति ने बताया कि रविवार को वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन पीडब्लूडी, पुलिस विभाग के बिल आए। न्यायिक अधिकारियों के वेतन व उससे संबंधित बिल अपलोड हुए। राजकीय पॉलीटेक्निक के बिलों का भी निस्तारण किया। सीएमओ के अधिकांश बिल ट्रेजरी पहुंचे और उसका निस्तारण किया। शाम पांच बजे तक विभाग से बिल आते रहे। उनके सापेक्ष टोकन जारी करते हुए भुगतान की कार्रवाई की गई। रात नौ बजे तक बजट पास होते रहे। सीटीओ ने कहा कि जहां तक बजट सरेंडर का सवाल है तो अब इसकी जानकारी ट्रेजरी से नहीं हो पाती है। बजट को सीधे विभाग शासन को सरेंडर करता है। इसमें डीडीओ की लॉगिन आईडी का उपयोग होता है। निबंधन कार्यालय से रजिस्ट्रार ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि शासन से निर्धारित लक्ष्य की लगभग प्राप्त हो गई है। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन 11 लाख 11 हजार का स्टांप प्राप्त हुआ है।
कहीं भुगतान तो कहीं बजट का जारी रहा इंतजार
बस्ती। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन बेसिक शिक्षा विभाग में विभिन्न मदों में भुगतान को लेकर पूरा कार्यालय सक्रिय रहा तो जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में बजट आने की आस में अधिकारी व कर्मचारी डटे रहे। वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन आरटीई और स्कूल सर्वे का बजट विभाग के खाते में पहुंचा। आरटीई के तहत विभिन्न निजी स्कूलों के खाते में यह धनराशि भेजी जानी है। वहीं बीटीसी प्रशिक्षुओं के स्तर से जिले के सभी परिषदीय स्कूलों का सर्वे किया गया था, जिसके तहत प्रति स्कूल दो सौ रुपया उन्हें दिया जाना है। इसका बजट भी रविवार को विभाग के खाते में पहुंचा। प्राप्त बजट को संबंधित के खातों में भेजने का सिलसिला बीएसए कार्यालय में देर शाम तक जारी रहा। साथ ही अन्य मद के बजट की रिपोर्ट भी तैयार की गई। डीआईओएस कार्यालय में विभिन्न मद में बजट आने की उम्मीद में अधिकारी से लगायत कर्मचारी डटे रहे, जिससे की बजट मिलने के बाद मौजूदा वित्तीय सत्र में ही भुगतान सुनिश्चित कराया जा सके।
लोक निर्माण विभाग का हुआ चार करोड़ से अधिक का भुगतान
लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड व सीडी-वन डिवीजन से मार्च के अंतिम दिन चार करोड़ से ज्यादा के भुगतान का अनुमान है। सीडी-वन से दो करोड़ से ज्यादा का बिल ट्रेजरी में प्रस्तुत किया गया। प्रांतीय खंड का बिल इससे ज्यादा होने की उम्मीद है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो महीने से शासन स्तर से काम व उसके सापेक्ष किए जा रहे भुगतान की नियमित रूप से समीक्षा की जा रही थी, इसलिए इस बार मार्च के आखिरी दिन ज्यादा बिल नहीं रह गई थी। 30 मार्च तक क्लोजिंग का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जो छूटे हुए बिल हैं, उन सभी को रविवार के दिन प्रस्तुत किया जा रहा है।