बाराबंकी,। देवा-फतेहपुर मार्ग पर सलारपुर के पास शाम पांच बजे तेज धमाके जैसी आवाज से लोगों के कदम थम गए। पलटी बस को देख राहगीर और ग्रामीण दौड़ पड़े। हादसा देख सभी के रोंगटे खड़े हो गए। बसों के अंदर से बच्चों की कराहती आवाजें, खिड़कियों से झांकते बच्चे रोते हुए चीख चिल्ला रहे थे। कोई कह रहा था कि अंकल हमको निकालो तो कोई चिल्ला रहा था कि चाचा हमको बचा लो..। लोगों ने पुलिस को फोन करने के बाद प्रयास शुरू किए। कुछ बच्चों को खिड़कियों से खसीटकर निकला।
बस उठाई गई तो चारों ओर फैला था खून ही खून स्कूल की बस के साथ हुए हादसे की सूचना पर चंद मिनट में ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। तत्काल बस को खड़ा करने के साथ बस की खिड़की से बच्चों को बाहर निकालने में भी सिपाही जुट गए। अंदर से रोने-बिलखने की अवाजों से सिपाहियों के भी हाथ कांपते नजर आए। लोग भी बच्चों के गोदी मेें उठाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाते नजर आए। जेसीबी से बस जैसे ही सीधी कराई गई वहां का दृश्य देख सभी की आंखों से आंसू निकल पड़े। तीन बच्चे उसके नीचे दबे थे। तीनों की ही मौके पर मौत हो चुकी थी। इसके अलावा एक युवक का शव भी बस के नीचे दबा निकला। एक बच्ची का शव बस के अंदर लहूलुहान हालत में पाया गया।
शिक्षकों से चिपककर रोते रहे बच्चे बस से निकले अधिकांश बच्चों को कहीं न कहीं चोटें आई थी। अपने साथियों के खून से लथपथ शव को देखते ही बच्चे जोर-जोर से रोने लगे। इतना ही नहीं जैसे ही कोई शिक्षक आकर उन्हें ढांढ़स बंधाता तो बच्चे उससे चिपक जाते। बच्चों के चेहरे पर भय साफ नजर आ रहा था। बच्चे चोट के दर्द से कराहता नजर आया।