झांसी। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध करने की कार्रवाई अब नहीं होगी। महानिदेशक की ओर से बीएसए को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि शिक्षकों पर नियमावली के अनुसार कार्रवाई की जाए, वेतन अवरुद्ध करना दंड नहीं है।
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों और विभागों में कार्यरत शिक्षक और कर्मचारियों को वेतन अब दंड के नाम पर रोका नहीं जाएगा। गड़बड़ी करने पर नियमावली के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी, जो कि मानव संपदा पोर्टल पर ई-सर्विस बुक पर दर्ज भी होगी। हाल ही में महानिदेशक कंचन वर्मा ने पत्र जारी करते हुए वेतन अवरुद्ध करने की कार्रवाई को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि वेतन अवरुद्ध करना विधिक दंड नहीं है। शिक्षक और कर्मचारियों को उनकी अनियमितताओं और गलतियों के लिए नियमावली के अनुसार दंडित किया जाए।
हर निरीक्षण में अनुपस्थित मिले शिक्षकों के वेतन रोके जाते हैं, बाद में उन्हें बहाल कर दिया जाता है। ऐसी कई शिकायतें शिक्षकों द्वारा महानिदेशक को की गई थी जिसमें शिक्षकों ने कहा था कि वेतन रोकने और बहाल करने में भ्रष्टाचार होता है। इसे देखते हुए फैसला लिया गया कि अब वेतन रोकने वाले अधिकारियाें को भी दंडित किया जाएगा।
बीएसए नीलम यादव ने बताया कि शिक्षकों और कर्मचारियों का किसी भी गड़बड़ी के लिए वेतन नहीं रोका जाएगा, अब इन पर नियमावली के अनुसार ही दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।