अध्यापिका का इंक्रीमेंट रोकने पर जवाब तलब
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई का मौका दिए बगैर नैसर्गिक न्याय का उल्लघंन कर सहायक अध्यापिका का एक इंक्रीमेंट रोकने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व शिक्षा बोर्ड से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने नलिनी मिश्रा की याचिका पर अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी को सुनकर दिया है। याची उच्च प्राथमिक विद्यालय गुलचपा ब्लाक सैदाबाद प्रयागराज में सहायक अध्यापिका है। बीएसए ने याची का तीन अक्टूबर 2018 से वार्षिक इंक्रीमेंट संचयी प्रभाव से रोकने का आदेश दिया। बेसिक शिक्षा बोर्ड ने भी याची को कोई राहत नहीं दी। याची का कहना है कि 25 जुलाई 2018 को तत्कालीन बीईओ सैदाबाद ने प्राथमिक विद्यालय गुलचपा का औचक निरीक्षण किया था। उस दिन याची 10 मिनट लेट पहुंची थी। बीईओ की रिपोर्ट पर बीएसए प्रयागराज ने कार्यवाही की और वार्षिक संचयी वेतन वृद्धि रोकने का आदेश कर दिया।