मैनपुरी। कार की बीमा की धनराशि दिलाने के लिए एक शिक्षिका द्वारा दायर की गई याचिका पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने पीड़िता को बीमा की धनराशि के 1.68 लाख रुपये देने का आदेश वाहन की बीमा कंपनी एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी शाखा लखनऊ के शाखा प्रबंधक को दिया है। यह धनराशि 45 दिन के अंदर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित शिक्षिका को देनी होगी।
थाना बरनाहल के नगला महाराम निवासी सीमा यादव वर्ष 2019 में प्राथमिक विद्यालय नगला हरनाथ में शिक्षिका थी। उनके नाम से एक कार (संख्या यूपी80ईएफ/0270) पंजीकृत थी। इसका बीमा 7 नवंबर 2019 से 6 नवंबर 2020 तक वैध था। 17 दिसंबर 2019 को यह कार थाना बरनाहल क्षेत्र में नवाटेढ़ा के पास नीलगाय को बचाने के प्रयास में क्षतिग्रस्त हो गई थी। सीमादेवी ने बीमा की धनराशि दिए जाने के लिए औपचारिकताएं पूरी करके आवेदन किया। शाखा प्रबंधक ने आवेदन को औचित्यहीन बताकर निरस्त कर दिया।
सीमादेवी ने बीमा की धनराशि दिलाने के लिए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में याचिका दायर की। आयोग में सीमादेवी ने प्रमाण भी प्रस्तुत किए। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी शाखा लखनऊ ने आयोग में अपना पक्ष रखा। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष शशिभूषण पांडेय, सदस्य नीतिका दास, नंद कुमार ने दोनों पक्षों को सुना। आयोग द्वारा सुनाए गए निर्णय में कहा गया एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी शाखा लखनऊ के शाखा प्रबंधक 45 दिन में 168426 रुपये पीड़िता को अदा करें। इस धनराशि पर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना होगा।
खर्चा मिलेगा 11 हजार रुपये
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष शशिभूषण पांडेय, सदस्य नीतिका दास, नंदकुमार ने 11 हजार रुपये पीड़िता को खर्चा के रूप में देने का भी आदेश दिया है। आदेश में लिखा है पीड़िता को छह हजार रुपये मुकदमे का खर्चा तथा पांच हजार रुपये मानसिक कष्ट के रूप में दिया जाएगा। यह धनराशि भी 45 दिन में अदा करनी होगी।