महोदय,
अनुरोध के साथ अवगत कराना है कि वर्तमान में कम्पोजिट ग्रांट की धनराशि वर्ष के अन्त में मार्च माह में ही प्रदेश के विद्यालयों को प्रेषित की जाती है। साथ ही यही स्थिति शिक्षकों को कराये जाने वाले प्रशिक्षणों की है। और वह भी अधिकांश 15 मार्च तक, उसके बाद उक्त धनराशि व्यय करने हेतु 31 मार्च तक दबाव बनाया जाता है। तथा दण्डित करने का भय दिखाया जाता है। प्रदेश के अधिकांश जनपदों में बैंक आफ बड़ौदा की शाखाएं अधिकतम 05 हैं। इतनी भारी सख्या में कम समय मे धन खर्च होने में समस्या आती है। तथा बैंक के साथ विवाद भी होता है। यहां तक कि जल्दबाजी के कारण शिक्षकों में भी विवाद उतपन्न होता है। साथ ही धनराशि वास्तविक प्रयोग भी नहीं हो पाता है। उसी अवधि में परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की परीक्षाएं भी होती हैं। इस कारण परीक्षाएं भी बाधित होती है। साथ ही पूरे वर्ष शिक्षकों का कोई भी प्रशिक्षण नहीं कराया जाता है। फरवरी माह से प्रशिक्षण प्रारम्भ किये जाते हैं और 31 मार्च तक कराये जाते हैं। जिसका परिणाम यह होता है कि प्रशिक्षण के कारण विद्यालय शिक्षक विहीन हो जाते हैं तथा आपाधापी में केवल प्रशिक्षण नाम की रश्म अदायगी की जाती है। उसका लाभ कोई भी प्राप्त नहीं होता है। यहाँ तक कि प्रशिक्षण पर व्यय वाली धनराशि जो शिक्षकों के खाते में जानी चाहिए वह धनराशि अधिकाश शिक्षकों के खाते में नहीं भेजी जा सकी और धनराशि 31 मार्च 2024 को वापस हो गयी।
करें।
अतः आप से अनुरोध है कि उपरोक्त दोनों बिंदुओं पर उचित निर्णय लेने का कष्ट