बाराबंकी। लोकसभा चुनाव का प्रशिक्षण शुरू होने से पहले ही चुनावी ड्यूटी कटवाने वाले कर्मचारियों की भीड़ जुटना शुरू हो गई है। कोई बच्चा छोटो हाने तो कई घर में बुजुर्ग मां बाप की देखभाल का हवाला देकर चुनाव ड्यूटी से राहत देने की गुहार लगा रहे हैं। बृहस्पतिवार को डीआरडीए सभागार में ड्यूटी कटवाने वालों की भारी भीड़ रही। कर्मचारियों द्वारा चुनाव ड्यूटी से छुटकारे के लिए बताई जा रही बीमारी की हकीकत परखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की टीम भी मौके पर मुस्तैद दिखी। इस दौरान करीब चार सौ कर्मचारियाें ने ड्यूटी कटवाने के लिए आवेदन किया।
अधिकारियों के सामने पेश हुई एक महिला शिक्षक ने बताया कि साहब मेरा बच्चा अभी सिर्फ पांच माह का है। घर में बुजुर्ग मां-बाप भी है। ऐसे में बच्चे को साथ में ले जाकर ड्यूटी कर पाना संभव नहीं हो सकेगा। पास खड़ी एक अन्य शिक्षिका ने बताया कि उनके पति गैर जनपद में नौकरी करते हैं। घर पर सास-ससुर दोनों बीमार है। ऐसे में उनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है। इसी लिए चुनाव ड्यूटी से नाम हटवाने की कोशिश में जुटी हूं। परियोजना निदेशक मनीष कुमार ने बताया कि डयूटी कटवाने के लिए करीब चार सौ कर्मचारियाें ने आवेदन किया है। मेडिकल टीम के साथ ही सभी के आवेदनों का परीक्षण कर डीएम के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई तय होगी।
कई दिव्यांग कर्मियों की भी चुनाव ड्यूटी लगा दी गई। एक दिव्यांग महिला ने बताया कि वह व्हील चेयर से ड्यूटी करने के लिए ऑफिस आती है। पैरों से चलने फिरने में पूरी तरह असमर्थ हैं । ऐसे में उसे चुनाव ड्यूटी में मुक्त किया जाना ही बेहतर होगा।