उरई। अब टैबलेट से छात्रों की उपस्थिति, दीक्षा पोर्टल, स्विफ्ट चेट बोर्ड से बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण देना और निपुण लक्ष्य का आकलन इन सब कार्यों में शिक्षकों की बहानेबाजी नहीं चलेगी। शिक्षकों को स्थानीय स्तर पर डाटा के साथ सिम खरीदने के शिक्षा विभाग में निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद शिक्षकों को अब टैबलेट से उपस्थिति समेत समस्त विवरण भेजना अनिवार्य कर दिया गया है।
सरकारी परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं में पढ़ने वाले बच्चों की ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था और बच्चों शिक्षकों की उपस्थिति के साथ अन्य विवरण का डाटा भेजने के लिए जनपद के सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को टेबलेट बांटे गए थे।
लेकिन टेबलेट मिलने के बाद शिक्षकों की मांग थी कि विभाग द्वारा सिम और डाटा उपलब्ध कराया जाए इसके बाद ही वह समस्त विवरण और बच्चों की उपस्थिति इससे भेजेंगे। शिक्षकों को उपलब्ध कराए गए टेबलेट को चलाने के लिए सिम और डाटा के लिए 2400 रुपये प्रति टेबलेट की शिक्षा विभाग ने ग्रांट भी जारी कर दी थी।
जिले के सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को स्थानीय स्तर पर डाटा के साथ सिम खरीदने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। अब शिक्षकों की ऑनलाइन बच्चों और स्वयं की उपस्थिति के साथ पोर्टल आदि का विवरण अपडेट करने में कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी।
इस संबंध में जिला संयोजक बालिका शिक्षा श्यामजी गुप्ता ने बताया कि शिक्षकों को टेबलेट चलाने के लिए सिम कार्ड और इंटरनेट की सुविधा जिसमें दो माह के व्यय के लिए कंपोजिट स्कूल ग्रांट से तत्काल बजट दिया गया है। जिसमें प्रति टेबलेट 2400 रुपये और दो टैबलेट के लिए अधिकतम 4800 रुपये व्यय किए जाने हैं। इसकी धनराशि का समायोजन विद्यालय को प्राप्त होने वाली कंपोजिट स्कूल ग्रांट से किया जाएगा।
1982 शिक्षकों को टैबलेट देने के बाद बच्चों की उपस्थिति पोर्टल अपडेट भेजना था। लेकिन शिक्षक विभाग से सिम और डाटा की मांग कर रहे थे। अब प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को टैबलेट चलाने के लिए स्थानीय स्तर पर डाटा के साथ सिम खरीदने के निर्देश दिए गए। टैबलेट के लिए सिम कार्ड स्थानीय स्तर पर मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी की उपलब्धता के मुताबिक खरीदी जाएगी।
-चंद्र प्रकाश, बीएसए, जालौन