प्रयागराज। पंचायती राज विभाग में मृतक आश्रित कोटे के तहत शासन की आंख में धूल झोंककर नौकरी हथियाने का मामला सामने आया है।
प्रयागराज मंडल के उप निदेशक पंचायत की जांच में पता चला है कि जिस मृतक के स्थान पर आश्रित कोटे के तहत भाई को नौकरी दिलाई गई, उसका रिकॉर्ड में कहीं पता नहीं है। इस मामले में मृतक के भाई के रूप में प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों को प्रमाणित करने वाले अफसरों की भी भूमिका की भी जांच की जा रही है। उप निदेशक ने निदेशक
पंचायती राज को रिपोर्ट भेज दी है। जसरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत भिस्कुरी के कुबरी कोलुहाडीह में 31 सितंबर 2009 को नियुक्त सफाई कर्मचारी अमित कुमार कुशवाहा की 15 मार्च 2010 को मौत हो गई। सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) की ओर से प्रस्तुत मृत्यु प्रमाण पत्र में अमित की मौत जीवन ज्योति अस्पताल में होने की बात कही गई है। तत्कालीन तहसीलदार हंसराज की ओर से अमित के नाम जारी पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र में उसके परिवार में पिता गोपाल नारायण कुशवाहा और माता माधुरी कुशवाहा का उल्लेख है। इस बीच गोपाल कुशवाहा ने अपने दिवंगत पुत्र अमित के स्थान पर अपने छोटे पुत्र सुमित कुशवाहा को मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी दिलाने का प्रार्थनापत्र बीडीओ जसरा के यहां प्रस्तुत किया। रिपोर्ट के मुताबिक बीडीओ को भेजे गए प्रतिवेदन पर बाद में हाथ से डीपीआरओ का नाम लिखा गया, लेकिन मूल रूप से वह पत्रावली डीपीआरओ कार्यालय में प्रस्तुत नहीं की गई। इस नियुक्ति पत्रावली में लगाए गए दस्तावेजों में भिन्नता पाई गई है। शपथ पत्र में सुमित को विवाहित बताया गया है और उसकी पत्नी का सुरेखा कुशवाहा नाम भी अंकित है, लेकिन आवेदन में उसे अविवाहित बताया गया है। इतना ही नहीं परिवार रजिस्टर की नकल में सुमित के नाम का उल्लेख ही नहीं
डूंसी के गायत्री प्रसाद मिश्र की शिकायत पर हुई जांच में तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी ने सवाल उठाए हैं कि पिता के जीवित रहते छोटा भाई मृतक आश्रित कैसे हो सकता है। दूसरी बात किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के पांच वर्ष की अवधि के भीतर ही मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति के लिए आवेदन किया जा सकता है, लेकिन इस प्रकरण में 12 वर्ष बाद 12 मई 2022 को सुमित की तैनाती की गई है। इस रिपोर्ट में मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी पाने वाले सुमित को तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी मंगला कुशवाहा का करीबी बताया गया है। मंगला मौजूदा समय भदोही में तैनात हैं। इस मामले में अन्य अफसरों की संलिप्तता की जांच शुरू कर दी गई है।