महराजगंज। मोहल्ला पाठशाला के नाम पर बच्चे हर दिन सुबह शाम घर से निकलते तो हैं, लेकिन पाठशाला में शिक्षकों के न आने से वह खेलते रहते हैं। कोई तो नहर या पोखरे में तैराकी का आनंद ले रहे हैं। जबकि बेसिक शिक्षा अधिकारी का स्पष्ट आदेश है कि प्रतिदिन प्राथमिक स्कूल के शिक्षक सार्वजनिक स्थानों पर मोहल्ला पाठशाला चलाकर बच्चों का ज्ञान बढ़ाएं। नियम का पालन न होता देखकर अभिभावक भी सोचने पर मजबूर हैं कि उनके पाल्यों की शिक्षा प्राथमिक स्कूल के भरोसे कैसे सुदृढ़ हो पाएगी।
परिषदीय स्कूलों में 18 मई से एक माह का अवकाश घोषित कर दिया गया है। बच्चे पढ़ी हुई जानकारी भूलने न पाएं इसके लिए निर्देश था कि उनके घर का पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्रतिदिन शिक्षक होमवर्क देंगे तथा मोहल्ला पाठशाला संचालित कर ज्ञान बढ़ाएंगे। इसके लिए 1705 स्कूल के प्रधानाध्यापकों को बीएसए की ओर से निर्देश दिए गए थे।
कहा गया था कि मोहल्ले के सार्वजनिक स्थान पर रविवार को छोड़कर हर दिन पाठशाला सुबह अथवा शाम को आयोजित किया जाए। शुरुआती दिनों में पाठशालाएं संचालित भी हुई। लेकिन कुछ दिन बाद ऐसा कुछ नहीं हो रहा। पाठशाला के बहाने बच्चे तय स्थान के लिए घर से निकलते हैं, लेकिन पाठशाला न चलने के कारण आसपास के बागीचों में खेल-कूद करते हैं अथवा नहर या पोखरों की तरफ तैराकी के लिए निकल पड़ते हैं। बच्चों की देखभाल के लिए कोई होता नहीं इसलिए उनके साथ दुर्घटना होने का भी डर रहता है। बुधवार को नगर पालिका क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों के अलावा शिकारपुर, पकड़ी, निचलौल, घुघली, फरेंदा, लक्ष्मीपुर क्षेत्रों में मोहल्ला पाठशाला संचालित होती तो कहीं नहीं दिखी, लेकिन बच्चे इधर उधर घूमते और खेलते देखे गए।
चुनाव के कारण मोहल्ला पाठशाला संचालन में दिक्कत आ रही है। अधिकतर शिक्षक व शिक्षामित्र चुनाव ड्यूटी की तैयारी में प्रशिक्षण के बाद से व्यस्त हैं। पांच जून के बाद से पाठशाला नियमित संचालित होंगी और निरीक्षण भी किया जाएगा।
श्रवण गुप्ता, बेसिक शिक्षा अधिकारी