संवाददाता। कानपुर में यूपी बोर्ड के विद्यालयों में फर्जी पैनल के माध्यम से हुई नियुक्तियों के मामले में बुलंदशहर में भी जांच शुरू हो गई है। शासन ने डीआईओएस को आदेश जारी सत्यापन रिपोर्ट मांगी है। एक फर्जी ई-मेल के माध्यम से पैनल भेजा गया था, तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पूरे प्रदेश में यह जांच शुरू कराई है। जिले में भी उस दौरान करीब 20 प्रवक्ताओं को ज्वाइनिंग कराई गई थी। हालांकि विभागीय अफसर जिले में ऐसा कोई मामला होने से इंकार कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड द्वारा विगत वर्षों में नियुक्ति कराई गई थीं। इसके बाद से वेटिंग लिस्ट में
शामिल अभ्यर्थियों को ज्वाइन कराया गया था और इन्हें नियुक्त पत्र दिए गए। कानपुर में वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों का एक फर्जी ई-मेल से नौ अभ्यर्थियों की नियुक्ति कराई गई थी।
मामला खुलने के बाद शासनस्तर से कार्रवाई जारी है। ऐसे में अन्य जिलों में किसी भी प्रकार का कोई फर्जीवाड़ा न हो इसके लिए शासन ने प्रदेश के विद्यालयों को आदेश जारी कर दिए हैं। बताया कि बुलंदशहर में भी उस दौरान करीब 20 प्रवक्ताओं को नियुक्ति कराई गई थी, जिनकी जांच होगी।
डीआईओएस शिवकुमार ओझा ने
बताया कि शासन से आदेश आए हैं तो सभी प्रवक्ताओं का सत्यापन होगा और बोर्ड को रिपोर्ट भेजी जाएगी। माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से परिणाम के बाद पैनल मिले थे, उसका पूरा सत्यापन करने के बाद ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई थी। शासन से जिन मानकों पर रिपोर्ट मांगी है उसे जल्द ही भेजा दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कानपुर में हुई शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के मामले में दो शिक्षिकाओं ने ज्वाइन भी कर लिया था। जिसमें से एक शिक्षिका वेतन भी ले रही थी। हालांकि इस बात की पोल खुलने के बाद से उक्त शिक्षिकाओं ने स्कूल आना बंद कर दिया था। इस खुलासे के बाद ही शासन ने सभी जिलों में हुई शिक्षकों की नियुक्तियों की जांच कराने का फैसला लिया था और इस बारे में सत्यापन करने के बाद ही नियुक्ति देने व इस संबंध में जांच के बाद रिपोर्ट देने की मांग की थी।