अमृत विचार : यदि आपको कस्टमर केयर से कोई हेल्प लेनी है तो गूगल पर नंबर कतई सर्च न करें… अन्यथा आप ठगी का शिकार हो जाएंगे। गूगल पर संबंधित कस्टमर केयर का नंबर जो प्रदर्शित हो रहा है, वह आपको कंगाल कर देगा। जी हां, ऐसे एक नहीं दर्जनों मामले सामने आए हैं।
अप्रैल में बुध बाजार पाकबड़ा का एक युवक कस्टमर केयर वाले नंबर में फंस गए और अपने एक-दो रुपये नहीं बल्कि, 12.35 लाख रुपये गवां दिए हैं। साइबर क्राइम थाना प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह बताते हैं कि बिजली, घरेलू गैस, बैंक, आधार कार्ड आदि में कोई भी समस्या होने पर व्यक्ति तुरंत गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च करता है और
फिर फोन कर उससे अपनी वित्तीय
(बैंक खाता) जानकारी भी शेयर कर देता है। फिर कुछ ही समय में उसके खाते से रुपये चोरी हो जाते हैं। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि गूगल पर उपलब्ध कस्टमर केयर के अधिकांश नंबर साइबर ठगों के ही हैं। गूगल पर कस्टमर केयर के तौर पर अपना नंबर फीड कराने के लिए साइबर ठग काफी मोटी रकम भी खर्च करते हैं। ऐसे में प्रभारी निरीक्षक आमजन को यही सलाह देते हैं कि वह गूगल पर उपलब्ध कस्टमर केयर के नंबर पर कतई विश्वास न करें। यदि हेल्प के
लिए उस नंबर पर कॉल करें भी तो हिसाब से… उसके द्वारा मांगी जा रही जानकारी से सतर्क रहें। उसके कहने पर कोई एप डाउनलोड न करें और न ही उसकी तरफ से शेयर किए गए
किसी लिंक पर क्लिक करें। यदि आपके बैंक खाता आदि से संबंधित जानकारी मांगी जा रही है तो पक्का मान लीजिए वह आपको ठगी का शिकार बनाने जा रहा है।
एटीएम बूथ में फंसे रुपये, मदद मांगी तो 12.35 लाख गवां दिए
पाकबड़ा थाना क्षेत्र के बुद्ध बाजार के राशिद खान (परिवर्तित नाम) 14 फरवरी को एचडीएफसी बैंक के एटीएम बूथ पर 10,000 रुपये निकालने गए थे। खाते से बैलेंस कट गया और उनके रुपये एटीएम बूथ में फंस गए, जो बाहर नहीं निकले। परेशान राशिद ने बूथ पर से ही तुरंत अपने मोबाइल से गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च किया और समस्या बताने लगे। उधर के व्यक्ति ने जब उनकी बात सुन-समझ ली तो उसने व्हाट्सएप पर दो लिंक भेजे और दोनों एप डाउनलोड कराए। ये एप ‘कस्टमर सपोर्ट” व “अव्वल डेस्क रिमोट डेस्कटॉप” थे। इन दोनों एप के डाउनलोड होते ही राशिद का पेटीएम नंबर हैक हो गया। इसके बाद पेटीएम अकाउंट से लिंक बैंक खाते से 11,48, 274 रुपये और दूसरी बैंक के खाते से 86,300 रुपये अर्थात कुल 12,34,575 रुपये चोरी हो गए। बैंक खाते से रुपये चोरी होने पर राशिद के पैरों तले जमीन खिसक गई। परेशान राशिद घर गए और इस घटना को भी वह किसी से साझा नहीं कर पा रहे थे। फिर अगले दिन 15 और 16 फरवरी को उन्होंने साइबर हेल्प नंबर 1930 पर कॉल कर आपबीती बताई और अपनी शिकायत दर्ज कराई।