लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले में कहा कि शिक्षक को पेंशन पाने का अधिकार उसके रिटायरमेंट की तिथि से पैदा होगा। न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की एकल पीठ ने यह फैसला अयोध्या के एक माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक रुद्रभान सिंह की याचिका को मंजूर करके दिया। याची का कहना था कि पिछले साल 30 अप्रैल को वह सेवानिवृत्त हुआ। जब उसने पेंशन के लिए
अदालत ने माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक का आदेश किया रद्द
आवेदन किया तो इसे माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक अयोध्या ने 21 मार्च 2024 को यह कहकर वापस भेज दिया कि 12 दिसंबर 2023 के शासनादेश के तहत पेंशन के लिए अर्ह सेवा को उसकी मौलिक नियुक्ति से गिना जाएगा। ऐसे में याची शिक्षक पेंशन पाने का हकदार नहीं है। याची ने उप निदेशक के इस आदेश को चुनौती दी थी।
फैसला देकर माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक का आदेश रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याची 12 दिसंबर 2023 के शासनादेश के काफी पहले रिटायर हुआ। ऐसे में याची को पेंशन का अधिकार उसकी सेवानिवृत्ति की तिथि से पैदा होगा। कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ याची के पेंशन मामले को यूपी निदेशक को वापस भेज दिया। साथ ही पहले दिए गए फैसले और आदेशों के प्रकाश में 8 सप्ताह में इसे नए सिरे से निस्तारित करने का आदेश उप कोर्ट ने इस कानूनी सवाल पर निदेशक को दिया