प्रतापगढ़। सामान्य जाति के दो सगे
भाइयों ने पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र बनवा लिया। इनमें से एक ने डाक विभाग में नौकरी और तो दूसरे ने ग्राम प्रधान पद का चुनाव जीत लिया। राज्य स्तरीय कमेटी की जांच में दोनों भाई यह साक्ष्य देने में फेल रहे कि वह कुरैशी जाति के हैं। इससे त्रिस्तरीय कमेटी ने दोनों भाइयों के जाति प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया है।
मानधाता विकास खंड के मझिगवां निवासी अर्जुन यादव ने वर्ष 2106 में शिकायत कर कहा था कि गांव के ही मो. कलीम और शमशाद अली ने पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र बनवा लिया है। जबकि यह लोग पठान जाति के हैं जो सामान्य वर्ग में आते हैं।
शमशाद ने जाति प्रमाणपत्र के आधार पर प्रधानी जीत ली, जबकि दूसरे भाई ने ग्राम प्रधान पद का जीत लिया चुनाव
मो. कलीम ने डाकघर म उपडाकपाल की नौकरी हासिल कर ली है। मो. कलीम ने 11 अप्रैल 2005 को और शमशाद अली ने एक मार्च 2000 को पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र बनवाया था।
जिला और मंडलीय कमेटी के फैसलों के खिलाफ प्रदेश स्तरीय कमेटी में अपील करने वाले दोनों भाइयों की अर्जी खारिज कर दी गई। शोध अधिकारी डॉ. देवेंद्र सिंह, संयुक्त निदेशक पिछड़ा वर्ग भानु प्रताप यादव और समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव और राज्य स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष डॉ. हरिओम ने 24 अप्रैल के आदेश में दोनों भाइयों के जाति प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया है।