नई दिल्ली, । दिल्ली हाईकोर्ट निजी स्कूल द्वारा एसी सुविधा के लिए शुल्क वसूले जाने से रोकने की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया। याचिका में दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग को निजी स्कूल को शुल्क लेने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि स्कूल में बच्चों को प्रदान की जाने वाली एसी सेवाओं की लागत माता-पिता को वहन करनी होगी क्योंकि यह प्रयोगशाला शुल्क जैसे अन्य शुल्कों से अलग नहीं है।
अदालत ने कहा कि स्कूल का चयन करते समय माता-पिता को स्कूल में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं और लागत का ध्यान रखना होगा। ऐसी सुविधाएं प्रदान करने का वित्तीय बोझ अकेले स्कूल प्रबंधन पर नहीं डाला जा सकता है। शिक्षा विभाग (डीओई) को मामले की जानकारी है और वह कार्रवाई रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। पीठ ने कहा कि अदालत जनहित याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं और इसे खारिज किया जाता है।