अधूरी केवाईसी के कारण करीब 1.3 करोड़ म्यूचुअल फंड खातों पर रोक लगा दी गई है। केवाईसी रजिस्ट्रेशन संस्थाओं की मानें तो इन खातों के निवेशकों ने प्रारंभिक केवाईसी पंजीकरण प्रक्रिया में आधार व मान्य दस्तावेजों की जगह अन्य दस्तावेज दिए थे। एक अप्रैल 2024 से लागू सेबी के नियमों के मुताबिक, लंबित केवाईसी वाले निवेशक म्यूचुअल फंड में किसी तरह की लेन-देन नहीं कर सकेंगे।
पैन और आधार से केवाईसी अपडेट नहीं थी पुन केवाईसी कराने की जरूरत तब हुई, जब पाया गया कि कई निवेशकों की केवाईसी पैन और आधार से अपडेट नहीं थी। इनमें से कई केवाईसी में उपयोगिता बिल (बिजली, टेलीफोन), बैंक खाते का विवरण आदि के उपयोग किए गए थे। इन्हें अब सेबी द्वारा वैध दस्तावेजों के तौर पर स्वीकार नहीं किया जाता है। करीब 11 करोड़ निवेशकों में से 7.9 करोड़ वैध केवाईसी हैं। 1.6 करोड़ निवेशकों की केवाईसी पंजीकृत श्रेणी में है। जबकि, कुल निवेशकों में से 12 फीसदी अपने डीमैट खातों और म्यूचुअल परिसंपत्तियों का संचालन नहीं कर सकते हैं, इसलिए कोई भी लेन-देन करने से पहले म्यूचुअल फंड निवेशक के लिए केवाईसी स्थिति की जांच करना अहम है।
केवाईसी लंबित होने का अर्थ प्रारंभिक केवाईसी के दौरान उपलब्ध कराए गए दस्तावेज आधिकारिक रूप से मान्य दस्तावेज नहीं हैं तो केवाईसी लंबित दिखेगा। अमान्य दस्तावेजों में बैंक खाता विवरण, बिजली बिल, टेलीफोन बिल आदि हैं। इन दस्तावेजों को दिए जाने के कारण केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं होती।
पैन-आधार से केवाईसी अपडेट नहीं थी
पुन केवाईसी कराने की जरूरत तब हुई, जब पाया गया कि कई निवेशकों की केवाईसी पैन और आधार से अपडेट नहीं थी। इनमें से कई केवाईसी में उपयोगिता बिल (बिजली, टेलीफोन), बैंक खाते का विवरण आदि के उपयोग किए गए थे। इन्हें अब सेबी द्वारा वैध दस्तावेजों के तौर पर स्वीकार नहीं किया जाता है।